बारहवीं पास को बना दिया ऑपरेटर, जल संस्थान को नहीं पता ऑपरेटर की योग्यता
नैनीताल न्यूज़: चमोली में जिस एसटीपी में हादसा हुआ, उसके संचालन का जिम्मा सिर्फ एक ऑपरेटर के पास था. ऑपरेटर भी सिर्फ 12 वीं पास था. न इलेक्ट्रिकल से आईटीआई और न ही किसी प्रकार का डिप्लोमा था. उस पर ऑपरेटर को भुगतान भी सिर्फ आठ हजार रुपये महीना ही किया जा रहा था. जबकि कंपनी को जल संस्थान हर साल 5.90 लाख रुपये सालाना भुगतान कर रहा है.
जल निगम ने 2017 में निर्माण को लेकर जो करार किया था, उसमें तय किया गया था कि जो कंपनी निर्माण कर रही है, वही अगले 15 साल तक संचालन करेगी. निर्माण के लिए कंपनी को 87 लाख रुपये का भुगतान हुआ. जबकि मेंटनेंस और ऑपरेशन के लिए कंपनी को 82 लाख रुपये का भुगतान पूरे 15 साल में किया जाना है. हर साल 5.90 लाख रुपये भुगतान किया जाता है.
करार के तहत कंपनी को एसटीपी पर कुशल ऑपरेटर रखना है. पैसा बचाने को एक सामान्य 12 वीं पास युवक को इस जोखिम भरे स्थान में तैनात कर दिया गया. जल संस्थान ने भी कभी पलट कर नहीं देखा कि जो स्टाफ तैनात है, वो प्रशिक्षित है भी या नहीं. गजब तो ये है कि जल संस्थान के इंजीनियरों को ये पता ही नहीं है कि जो ऑपरेटर तैनात था, उसकी शैक्षिक और तकनीकी योग्यता क्या थी. कंपनी को सालाना 5.90 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा है, उसमें क्या काम किया जा रहा है.
जल संस्थान को नहीं पता ऑपरेटर की योग्यता
अधिशासी अभियंता जल संस्थान चमोली संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनी की ओर से एक सुपरवाइजर तैनात किया गया है, जिस पर कई एसटीपी का जिम्मा है. सुपरवाइजर तो डिप्लोमाधारक है, लेकिन ऑपरेटर की क्या योग्यता है और उसे कितना भुगतान कंपनी कर रही थी, उसकी जानकारी नहीं है. इस सम्बन्ध में ब्यौरा जुटाया जा रहा है. वहीं जल निगम के पूर्व एमडी सीएम डिमरी ने बताया कि किसी भी पंप हाउस, एसटीपी प्लांट में ऑपरेटर आईटीआई पास ही होना चाहिए. यही मानक भी है.