मौसम विभाग के अलर्ट के चलते दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के चलते चंपावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में आवागमन सुचारू नहीं हो पाया है। धौन और स्वाला के बीच भी सड़क बंद है।
स्वाला के पास लगभग 20 मीटर तक पूरी तरह क्षतिग्रस्त सड़क को चट्टान काटकर नए सिरे से बनाया जा रहा है। रविवार सुबह से ही एनएच ने सभी ग्रामीण सड़कों को खोलने का काम शुरू कर दिया है। चंपावत और टनकपुर से वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण यात्री लोहाघाट-देवीधुरा मार्ग से हल्द्वानी होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। लोहाघाट-पिथौरागढ़ मार्ग पर भारतोली में भी पत्थर व मलवा आने से सड़क बंद है। शनिवार को बंद 20 सड़कों में से चार को आवागमन के लिए सुचारू कर दिया गया है। 16 सड़कें अभी भी बंद हैं।
हालांकि शनिवार देर शाम से बारिश का सिलसिला थमा रहा, लेकिन एकाएक दिन में बारिश फिर शुरू हो गई। पर्वतीय इलाकों में कई जगह घना कोहरा छाया हुआ है। टनकपुर और बनबसा में शारदा और हुड्डी नदी का जल स्तर कम हो गया है। टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग पर किरोड़ा नाला कम होने से शनिवार की सुबह से ही आवाजाही चल रही है।
चंपावत-मंच, तामली, सूखीढांग-डांडा मीनार, धूनाघाट-भिंगराड़ा, गौड़ी-किमतोली, लफड़ा-स्यूली-बुड़ाखेत, लड़ाबोरा-क्वारसिंग, उद्यूनढुंगा-खतेड़ा, धौन-बड़ोली, स्याला-पोथ, चल्थी-नौलापानी, धौन-द्यूरी, सिप्टी-अमकडिय़ा, अमोड़ी-छतकोट, खटोली मल्ली, धौन-सल्ली, खटोली मल्ली-वैला। सीमांत जिले पिथौरागढ़ में बारिश के बाद हिमालय की ऊंची चोटियों पर हिमपात होने लगा है। इससे तापमान में कमी आई है। समुद्र तल से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मिलम के दुंग आइटीबीपी कैंप में सितंबर में इस मौसम का पहला हिमपात हुआ है।
वहीं काली और गोरी नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है। काली और गोरी नदी के संगम स्थल जौलजीबी में गोरी नदी मकानों के करीब पहुंच चुकी है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग नौवे दिन भी यातायात के लिए बंद है। बांसबगड़-धामीगांव सड़क में बीस मीटर हिस्सा बह चुका है।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar