उत्तराखंड

व्यापारियों ने महिला डॉक्टर के खिलाफ अस्पताल परिसर में दिया धरना

Admin Delhi 1
14 Dec 2022 2:05 PM GMT
व्यापारियों ने महिला डॉक्टर के खिलाफ अस्पताल परिसर में दिया धरना
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नानकमत्ता न्यूज़: अभद्रता का आरोप लगाते हुए सीएचसी की महिला डॉक्टर के खिलाफ व्यापारियों ने अस्पताल परिसर में धरना दिया। नगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष दिनेश कुमार गोयल ने आरोप लगाया कि बुधवार को वह अस्पताल में स्वास्थ्य जांच करवाने गए थे। इस दौरान डॉक्टर खुशबू और उनके पति मनोज से किसी बात को लेकर उनकी कहासुनी हो गई। गोयल ने अन्य व्यापारियों को डॉक्टर द्वारा अभद्रता करने पर अवगत कराया। इसके बाद व्यापारी महिला डॉक्टर के स्थानांतरण की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। व्यापारियों का आरोप है कि महिला डॉक्टर आए दिन मरीजों के साथ अभद्रता करती हैं।

3 दिसंबर को भी अभद्रता का आरोप लगाकर जिला चिकित्सा अधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर खुशबू को हटाए जाने को लेकर पत्र भेजा था। जिस पर जिला चिकित्सा अधिकारी ने डॉक्टरों की 3 सदस्य टीम गठित कर जांच के लिए नानकमत्ता भेजा था। लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। व्यापारियों की शिकायत पर फिर बुधवार को डॉ. अवनीशा पाण्डे, डॉ. एचपी त्रिपाठी व डॉ. सुषमा की 3 सदस्यीय जांच टीम सीएचसी पहुंची।

जांच टीम के अध्यक्ष डॉ. अवनीशा पांडे ने बताया जिला चिकित्सा अधिकारी से बात की गई है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से डॉ. खुशबू को नानकमत्ता से अन्यत्र स्थानांतरित का आश्वासन दिया। इसके बाद व्यापारियों ने धरना समाप्त किया। धरना देने वालों में नगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष दिनेश कुमार गोयल, महामंत्री गुरनाम सिंह, राजकुमार अरोड़ा, विक्की गुलाटी, सत्यनारायण मित्तल, छगनलाल अग्रवाल, विशाल गोयल आदि मौजूद थे।

कार्रवाई न होने पर धरने की चेतावनी दी, सौंपा पत्र: क्षेत्र के हिल व्यू कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति ने एसडीएम को शिकायती पत्र सौंपकर मिट्टी खनन की धनराशि दिलाने की गुहार लगाई है। एसडीएम ने पुलिस को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

हिल व्यू कालोनी निवासी भीम सिंह ज्याला ने एसडीएम रवींद्र सिंह बिष्ट को सौंपे पत्र में कहा कि भूड़ महोलिया व सुजिया निवासी दो लोगों को उसके सात बीघा भूमि से मिट्टी उठान का कार्य स्वयं अनुमति लेकर दिया था। तय शर्तों के अनुसार खेत से मिट्टी खनन चार फुट अधिक गहरा कर दिया। इसके बाद वायदे के अनुरूप खेत में मिट्टी भरान या रूपये देने से इंकार किया जा रहा है। पूर्व में भी प्रार्थना पत्र दे चुका है, कार्रवाई न होने पर तहसील में धरना देने को बाध्य होने की बात कही है।

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