उत्तराखंड

सुरई ईको टूरिज्म जोन में पयर्टकों मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

Shantanu Roy
7 Sep 2022 2:55 PM GMT
सुरई ईको टूरिज्म जोन में पयर्टकों मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
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बड़ी खबर
खटीमा। सीमांत क्षेत्र के वन्य जीवों के लिए प्रमुख सुरई ईको टूरिज्म जोन के विकास की कवायद वन विभाग की ओर से तेज हो गई है। अधिक संख्या में पयर्टक जोन का लुत्फ उठा सकें। इसके लिए उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल ने जोन का निरीक्षण किया। इसमें क्रोकोडाइल पार्क व जंगल सफारी को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जोन को और बेहतर बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिससे पर्यटक भ्रमण कर नया अनुभव ले सकें।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर प्रोजेक्ट में तराई के वन्य जीवों के लिए प्रमुख सुरई रेंज का ईको टूरिज्म जोन के रूप में विकसित किया जा रहा है, वर्तमान में जंगल सफारी, क्रोकोडाइल पार्क का पर्यटक लुत्फ उठा रहे हैं, अभी भी बेहतर व्यवस्थाओं को लेकर वन विभाग गंभीर हो गया है। इधर, बुधवार को प्रमुख वन संरक्षक सिंघल ने अधिकारियों के साथ सर्वप्रथम सुरई रेंज के ईको टूरिज्म जोन के क्राकोडाइल पार्क का जायजा लिया। इस दौरान कुमायूं मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो, वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त दीप चंद्र आर्य, डीएफओ वैभव कुमार, एसडीओ संतोष पंत, हल्द्वानी के डीएफओ बाबू लाल, सुरई के अधिकारी दीनानाथ, सुधीर कुमार, खटीमा रेंजर राजेंद्र मनराल आदि अधिकारी मौजूद रहे।
अधिकारियों की बैठक लेकर दिए दिशा निर्देश
निरीक्षण के बाद अधिकारियों की बैठक लेकर ईको टूरिज्म जोन में बेहतर कनेक्टिविटी, पर्यटकों को लुभाने, बेहतर व्यवस्था पर जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान सुरई रेंज के मुख्य द्वारा मेलाघाट रोड के पास ईको टूरिज्म जोन के मानचित्र व पर्यटकों के लिए प्रदर्शित सामग्री का भी निरीक्षण किया। विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद सुरई रेस्ट हाउस जाते समय प्रमुख वन संरक्षक पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म जोन को और बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों से चर्चा की। अब इसमें आए ईश्यू पर कार्य कर सर्किट को और बेहतर रूप दिया जाएगा। क्राकोडाइल पार्क में भी ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि पर्यटक नया अनुभव लेकर जाए। कनेक्टिवटी, बेहतर सड़क आदि पर कार्य होगा। बताया कि एक माह में सात हजार तक पर्यटकों ने इसका लुत्फ उठाया। क्षेत्र की जनता को भी इसका लाभ मिले और पयर्टकों को प्रकृति का ज्ञान हो सके, इसके लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है।
क्रोकोडाइल पार्क
प्रमुख वन सरक्षक सिंघल ने मानव-वन्य जीव संघर्ष के बढ़ते मामलों पर कहा कि तराई हो या पहाड़ गुलदार, बाघ की तादात बढ़ रही है। तीन-चार जगह हेलीपैड एप्रोच हैं। जहां-जहां मानव वन्य जीव संघर्ष बढ़ा है वहां जरूरी पिंजरा, बेहोश करने के लिए उचित व्यवस्था व लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही सोलर फैंसिंग जैसी व्यवस्था जहां-जहां की जा सकती है। उसका भी कार्य किया जा रहा है। क्रोकोडाइल पार्क में कैसे और बेहतर विकसित किया सकता है। इस पर कार्य किया जाएगा।
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