उत्तराखंड
300 से ज्यादा बाघ और गुलदार का शिकार करने वाले जिम कॉर्बेट का आज है 147वां जन्मदिन
Ritisha Jaiswal
25 July 2022 1:50 PM GMT
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पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों के लिए आज का दिन बेहद खास है. क्योंकि आज दुनिया के ऐसे मशहूर शिकारी का जन्मदिन है
पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों के लिए आज का दिन बेहद खास है. क्योंकि आज दुनिया के ऐसे मशहूर शिकारी का जन्मदिन है जिन्होंने 18वीं से लेकर 19वीं शताब्दी तक न सिर्फ आदमखोर बाघों और गुलदारों का शिकार किया, बल्कि लोगों को पर्यावरण का पाठ भी पढ़ाया. हम जिक्र कर रहे हैं मशहूर शिकारी जिम कॉर्बेट का, जिनका उत्तराखंड से खास नाता था. उनके नाम पर साल 1936 में भारत का पहला नेशनल पार्क बना. उन्होंने न सिर्फ 50 से ज्यादा आदमखोर बाघों बल्कि 250 से ज्यादा तेंदुओं का भी शिकार किया.
जिम कॉर्बेट का आज 147वां जन्म दिन है. आज ही के दिन यानी 25 जुलाई 1875 को नैनीताल में जिम कॉर्बेट का जन्म हुआ था. जिम के पिता क्रिस्टोफर कॉर्बेट नैनीताल के पोस्ट मास्टर थे और मां मेरी जैन एक व्यवसायी थीं. जिम, क्रिस्टोफर और मेरी की आठवीं संतान थे. नैनीताल में जन्म और फिर इसी माहौल में परवरिश होने के कारण जिम को शुरुआत से ही प्रकृति से लगाव था. बड़े होकर जिम कॉर्बेट ने पहले रेलवे और फिर ब्रिटिश आर्मी में काम किया. वो ब्रिटिश आर्मी में कर्नल रैंक के ऑफिसर रहे.
छोटी हल्द्वानी में 1500 रुपए में खरीदी जमीन
जिम ने 40 साल की उम्र यानी साल 1915 में कालाढूंगी के नजदीक छोटी हल्द्वानी नाम के गांव में 40 एकड़ जमीन खरीदी. उस समय जमीन की कीमत तकरीबन 1500 रुपये थी. जिम ने इसी जमीन के एक कोने में साल 1922 में एक बंगला बनाया, जिसमें वह अपनी बड़ी बहन मैगी के साथ
Ritisha Jaiswal
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