उत्तराखंड
तीन लोग हुए घायल, चकराता से पुरोड़ी जा रहा पिकअप वाहन खाई में गिरा
Gulabi Jagat
23 Jun 2022 12:54 PM GMT
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पिकअप वाहन खाई में गिरा
एक पिकअप वाहन के खाई में गिर जाने से उसमें सवार तीन लोग घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी। गुरुवार को एक वाहन राजकीय महाविद्यालय चकराता की ओर से पुरोड़ी की तरफ आ रहा था।
उसी दौरान चालक ने वाहन से अपना नियंत्रण खो दिया और वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे खाई में पलट गया। लगभग 20 मीटर नीचे दूसरी रोड पर जा गिरा, लेकिन वाहन सवारों के वाहन से छिटक जाने से उसमें सवार लोगों को हल्की चोटें आईं।
थानाध्यक्ष चकराता सतेंद्र भाटी ने बताया कि वाहन में चालक के अलावा तीन लोग सवार थे, जिसमें एक व्यक्ति पुनीत रावत पुत्र सुल्तान सिंह को चोट न आने से वह मौके से ही घर चले गए। वहीं, घायलों नम्रता पुत्री सुल्तान सिंह ग्राम टुंगरा चकराता, निधि रावत पुत्री सूरत सिंह ग्राम टुंगरा चकराता और चालक अभिषेक पुत्र बस्ती राम निवासी शिलाई हिमाचल प्रदेश को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
साहिया: तीन प्रमुख मार्गों पर 17 जगह डेंजर प्वाइंट
जौनसार-बावर के प्रमुख तीन मोटर मार्गों पर 17 जगह डेंजर प्वाइंट बने हुए हैं। बरसात में डेंजर प्वाइंट पर भूस्खलन से आवागमन बाधित होने के कारण क्षेत्रवासियों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। कृषि उपज समय पर मंडी न पहुंचने पर किसानों को भारी नुकसान होता है।
जजरेड पहाड़ी का भूस्खलन तो नासूर बन चुका है, लेकिन पिछली बारिश में भी कई स्थानों पर नए भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र विकसित हुए थे, जो इस बरसात में ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ा सकते हैं। हालांकि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी प्रमुख मार्गों पर जेसीबी रखने की बात कह रहे हैं, ताकि बंद मार्ग तुरंत खोले जा सकें।
जौनसार-बावर की लाइफ लाइन कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेड, ककाड़ी खड्ड, चापनू, सेवना, लालपुल, कोरुवा डेंजर प्वाइंट हैं। जजरेड की समस्या वर्षों पुरानी है, जहां पर पुल निर्माण की कवायद अभी पुल के डिजाइन तैयार करने से आगे नहीं बढ़ पायी है। हरिपुर कोटी इच्छाड़ी मीनस मोटर मार्ग पर लालढांग, छिबरौ, इच्छाड़ी, पातवा खेड़ा, मयार खड्ड, सैंज, मीनस में भूस्खलन प्रभावित पहाड़ियां हैं।
जहां से बरसात में मलबा आने पर मार्ग कई घंटे तक बाधित रहता है। वहीं, साहिया-क्वानू मोटर के तारली खड्ड, चेईता बैंड, फेडोलानी और हाजा गांव के पास भी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र हैं, जिनका स्थायी समाधान अभी तक नहीं निकाला गया है। प्रत्येक वर्ष वर्षा काल में जगह-जगह मार्ग बाधित होने से राहगीरों को परेशानियां उठानी पड़ती है।
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