उत्तराखंड

देहरादून में आफत बनी बारिश, गिरा मकान, मलबे में दबने से 8 दिन के बच्‍चे सहित तीन लोगों की मौत

Renuka Sahu
29 Aug 2022 3:21 AM GMT
Three people including 8-day-old baby died due to rain, collapsed house, buried under debris in Dehradun
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फाइल फोटो 

मौसम विभाग केंद्र के भारी बारिश के अलर्ट के बीच बादलों ने देहरादून में फिर कहर बरपाया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मौसम विभाग केंद्र के भारी बारिश के अलर्ट के बीच बादलों ने देहरादून में फिर कहर बरपाया है। यहां राजपुर रोड में आवास ढहने से एक बच्‍चे सहित तीन लोग मलबे में दबे गए। तीनों के शव बरामद किए जा चुके हैं।

8 दिन के बच्‍चे सहित तीन लोगों की मलबे में दबने से मौत
देहरादून के राजपुर क्षेत्र काठ बंगला बस्ती आवास ढहने से आठ दिन बच्‍चे सहित तीन लोग मलबे में दब गए थे। तीनों के शव बरामद किए जा चुके हैं। वहीं देर रात हुई बारिश से काठ बंगला बस्‍ती में घर ढह गया था।
सूचना पर राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंचा और मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम शुरू किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान और जिलाधिकारी सोनिका भी घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया।
रेस्क्यू टीम द्वारा मलबे में दबे बच्चे सहित दो महिलाओं के शव बरामद कर लिए गए हैं। जिलाधिकारी सोनिका ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तीनों शवों के पोस्टने के पोस्‍टमॉर्टम करने के निर्देश दिए।
मौके पर पुलिस-प्रसाशन मौजूद, राहत-बचाव कार्य जारी
संगीता पत्नी दिनेश उम्र 22 वर्ष, लक्ष्मी दिनेश की बहन उम्र 28 वर्ष और दिनेश का आठ दिन का बच्चा मलबे में दबा बताया जा रहा है। वहीं अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा एवं डॉक्‍टर एसके बरनवाल सहित संबंधित अधिकारी आपदा कंट्रोल रूम से राहत एवं बचाव कार्य की जानकारी लेते हुए आवश्यक कार्य कर रहे हैं।
मसूरी देहरादून हाईवे पर गलेगी धार में लगातार गिर रहा मलबा
वहीं मसूरी देहरादून हाईवे पर गलेगी धार में भी सड़क पर लगातार पहाड़ी से मलबा आ रहा है। सड़क के दोनों ओर जेसीबी तैनात है जो मलबा हटा रही है। फिलहाल यहां रुक-रुक का यातायात चालू है।
फिर विकराल हो गया कैम्पटी फॉल
रविवार से हो रही बारिश की वजह से मसूरी का कैम्पटी फॉल फिर विकराल हो गया है। पिछले 16 घंटे से अधिक समय से हो यहां रही मूसलाधार बारिश हो रही है। जिस कारण कैम्पटी फॉल सहित सभी बरसाती नाले उफान पर हैं।
थानाध्यक्ष कैम्पटी शांति प्रसाद चमोली ने बताया की बीती शाम चार बजे से ही पर्यटकों का झरने में प्रवेश बंद कर दिया गया था। यहां अभी भी फॉल का जलस्‍तर काफी बढ़ा हुआ है।


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