उत्तराखंड

बारिश के कहर के लिहाज से उत्तराखंड के लिए तीन दिन भारी, मौसम विभाग दी चेतावनी

Ritisha Jaiswal
30 July 2022 4:47 PM GMT
बारिश के कहर के लिहाज से उत्तराखंड के लिए तीन दिन भारी,  मौसम विभाग दी चेतावनी
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बारिश के कहर के लिहाज से उत्तराखंड के लिए तीन दिन भारी गुज़र सकते हैं. मौसम विभाग की चेतावनी है

बारिश के कहर के लिहाज से उत्तराखंड के लिए तीन दिन भारी गुज़र सकते हैं. मौसम विभाग की चेतावनी है कि टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत और बागेश्वर जैसे पहाड़ी ज़िलों तेज़ बारिश के चलते लोगों को खास तौर से एहतियात रखना चाहिए. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने यह अलर्ट जारी करते हुए बताया कि 1 अगस्त के बाद मौसम में बदलाव दिख सकता है. इधर, पहाड़ों में नेशनल हाईवे बुरी तरह ठप दिख रहे हैं, तो मैदानों में शहर के अंदर की सड़कों की पोल ज़रा सी बारिश ने खोलकर रख दी है. हरिद्वार में तो लोग सड़कों पर तैरते हुए नज़र आए.

उत्तराखंड में बारिश ने पिछले कुछ घंटों में क्या गुल खिलाए हैं, इसकी कुछ तस्वीरें आपको दिखाते हैं. वीडिो में आप देख सकते हैं कि कैसे हरिद्वार में शुक्रवार की रात हुई कुछ देर की जोरदार बारिश से सड़कें स्विमिंग पूल में तब्दील हो गईं. व्यस्ततम चौराहे रानीपुर मोड़ और भगत सिंह चौक पर रेलवे ब्रिज में नीचे लोगों की कमर और छाती तक पानी भर गया. गाड़ियों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई तो कुछ बच्चे और नौजवान जल भराव में तैरते हुए भी दिखे.
अब ये तस्वीर देखिए. बागेश्वर ज़िले के गरुड़ क्षेत्र में देर रात एक कार गदेरे में बह गई. कार में दो लोग सवार थे. ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी और देर रात तक रेस्क्यू चला. कई घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार दोनों युवकों को सुरक्षित बचा लिया गया. इनमें से एक को गंभीर चोटें आईं इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
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बद्रीनाथ हाईवे खुला तो केदारनाथ हाईवे ठप
चमोली ज़िले में करीब 24 घंटे बाद बद्रीनाथ नेशनल हाईवे बहाल हो सका, तो आज 30 जुलाई की सुबह केदारनाथ को जाने वाला रुद्रप्रयाग.गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग बांसवाड़ा के पास पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण बंद हो गया. बांसवाड़ा में चीड़ का पेड़ मलबे के साथ हाईवे पर आ गिरा. बता दें कि ऑल वेदर रोड बनने से पहले बांसवाडा में बड़ा भूस्खलन क्षेत्र था, जहां कई बड़ी दुर्घटनाएं होती थीं, लेकिन ऑल वेदर रोड बनने के बाद बीते 2-3 सालों में बांसवाड़ा में लैंडस्लाइड बंद हो गया था. एक बार फिर इस लैंडस्लाइड ज़ोन के सक्रिय होने से चिंताएं बढ़ गई हैं.
पहाड़ में मकान भी नहीं हैं महफूज़
उत्तरकाशी ज़िले में जानकी चट्टी से यमुनोत्री पैदल मार्ग भनेली गाड़ के पास मलबा आने से बंद हुआ तो चार धाम यात्रियों को जानकीचट्टी के पास रोका गया. गढ़ खाटल क्षेत्र बारिश के चलते 8 गांव का सड़क से संपर्क टूट गया. बागेश्वर ज़िले में में बारिश के कारण 15 मोटर मार्ग बाधित होने से जन जीवन अस्त- व्यस्त है. इधर, चमोली ज़िले में पोखरी विकासखंड के सिंगोली गांव में मकानों के नीचे भूस्खलन होने से तीन घरों के लोगों ने आसपास के लोगों के यहां शरण ली, तो टिहरी ज़िले में दिखोल गांव में भारी बारिश के कारण एक मकान की छत टूटने से कमरे के अंदर मलबा घुस गया. किसी तरह लोगों ने अपनी जान बचाई.


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