x
उत्तराखंड | कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल एसटीएच की केन्द्रीय लैब के निजी हाथों में जाने की तैयारी पूरी हो गई है. इसके साथ ही इस बात की भी पूरी आशंका है कि लैब में होने वाली जांचों के दामों में भी भारी बढोतरी हो सकती है. वर्तमान में हल्द्वानी में चल रही निजी लैबों की जांच दरों से तुलना करें तो जांच के लिए एसटीएच में जो पैसे दिए जा रहे हैं उससे 5 से 6 गुना तक अधिक देने पड़ सकते हैं. इसका सबसे बड़ा नुकसान आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को होगा.
सुशीला तिवारी अस्पताल में केन्द्रीय लैब के तीन अंग है. माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री. तीनों में एसटीएच की ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी में आने वाले करीब 700 से ज्यादा मरीजों की जांचें होती हैं. सरकारी छूट के चलते वर्तमान में यहां जांचें बाजार की तुलना में बेहद सस्ती हैं. यहां बड़ी संख्या में मरीज आते हैं. लैब निजी हाथों में जाते ही इस पर सरकारी छूट के साथ ही प्रशासनिक नियंत्रण भी खत्म हो जाएगा.
देख लें सरकारी की छूट और निजी की लूट
जांच एसटीएच लैब निजी लैब
शुगर 5 50
सीबीसी 10 250
किडनी जांच 10 200
एलएफटी 80 600
केएफटी 30 500
शुगर लेबल 15 500
थायराइड 100 500
सीआरपी 20 200
टाइफाइड 10 200
कैंसर जांच 20 600
डेंगू जांच 300 1200
निजी हाथों में लैब देने से पहले रेट तय हों
मेडिकल कॉलेज के सूत्रों के अनुसार यदि सरकार ने लैब को निजी हाथों में देने से पहले रेट आदि को लेकर नियम नहीं बनाए, तो मरीजों की मुश्किल बढ़ सकती हैं. वर्तमान में लैब चलने से मरीजों को बड़ी राहत है, लेकिन निजी कंपनी पर मानक पूरे करने के दबाव से उसके खर्चे भी बढ़ेंगे, मुनाफा भी उसे चाहिए होगा. मरीजों पर भार पड़ेगा.
एसटीएच की केन्द्रीय लैब में मरीजों के सैंपल की जांच का काम प्राइवेट कंपनी को दिया गया है. ताकि मरीजों की सभी प्रकार की जांचें हो सकें. जांच रिपोर्ट समय से मिल सकें. जांचों के दामों को बढ़ाने की कोई योजना नहीं है.
-डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव चिकित्सा शिक्षा उत्तराखंड
Tagsएसटीएच सरकारी छूट पर खतरालूट का डरThreat on STH government exemptionfear of robberyताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़हिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारTaza SamacharBreaking NewsJanta Se RishtaJanta Se Rishta NewsLatest NewsHindi NewsToday ताज़ा समाचारToday
Harrison
Next Story