उत्तराखंड
जिनपर चला नकल का केस, अब उन्हें देनी पड़ेगी धामी सरकार को नौकरी, जानें क्या है पूरा मामला
Renuka Sahu
4 Aug 2022 3:27 AM GMT
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फाइल फोटो
स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में बीते दिनों कई आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारियां तक की गईं। ल
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में बीते दिनों कई आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारियां तक की गईं। लेकिन राज्य में भर्ती परीक्षा में गोलमाल से संबंधित पिछली जांचों का रिकॉर्ड उम्मीद जगाने वाला नहीं है। कमजोर पैरवी व लचर जांच के चलते वर्ष 2020 का बहुचर्चित फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में नकल का केस अदालत में खारिज हो गया है।
फरवरी 2020 में फॉरेस्टगार्ड के 1268 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिए नकल का मामला सामने आया था। खुद पीड़ित छात्रों ने पौड़ी और मंगलौर में मुकदमा दर्ज कराया था। तब शासन के निर्देश पर हरिद्वार पुलिस ने एसआईटी गठित करते हुए, 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। साथ ही 47 चयनित अभ्यर्थियों को नकल करने वालों के रूप में चिह्नित भी किया था।
उल्लेखनीय बात यह रही कि तब इस मामले में सरकार की तरफ से मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। लचर जांच और कमजोर पैरवी के चलते ही मुकदमा कमजोर पड़ गया। सूत्रों के अनुसार, बाद में इस मामले में वादी और आरोपियों के बीच समझौता हो गया और केस अदालत से खारिज हो गया। इसके चलते सभी आरोपी कुछ ही माह में जेल से छूट गए। इस तरह मामले में दोषी कौन था, यह साबित ही नहीं हो पाया।
इस संबंध में संपर्क करने पर तब इस मामले की बतौर एसएसपी हरिद्वार निगरानी करने वाले, वर्तमान में डीआईजी एसटीएफ सैंथिल अबदुई ने माना कि केस हाईकोर्ट से खारिज हो चुका है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में भी प्रथम अपील खारिज होने के बाद अब पुलिस पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को लेकर कानूनी राय ले रही है।
आरोपियों की नियुक्ति के लिए मांगा परामर्श
इस प्रकरण में पुलिस ने 47 युवाओं को नकल का आरोपी बनाया था। इस में से 11 अभ्यर्थी शारीरिक परीक्षा के बाद अंतिम चयन सूची में भी शामिल होने में कामयाब रहे। हालांकि आयोग ने अभी उन्हें नियुक्ति नहीं दी है, पर केस से बरी होने के बाद उनका पक्ष मजबूत हो गया है। आयोग ने अब शासन से परामर्श मांगा है।
स्नातक स्तरीय भर्ती के पेपर लीक में वही गैंग
सूत्रों के अनुसार, फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में नकल के मामले में शामिल गैंग के तार, स्नातक स्तरीय भर्ती का पेपर आउट के मामले से भी जुड़े हैं। तब एक जिला पंचायत सदस्य पर, एक रिटायर्ड अफसर के जरिए नकल गैंग चलाने के आरोप लगे थे। इस प्रकरण में भी उक्त जिला पंचायत सदस्य का नाम सामने आ रहा है।
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