उत्तराखंड

इस बार चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 195 श्रद्धालुओं की जान गई, श्रद्धालुओं की मौत का मुख्य वजह हार्ट अटैक

Renuka Sahu
16 Jun 2022 5:04 AM GMT
This time 195 devotees died during Chardham Yatra so far, the main reason for the death of devotees is heart attack.
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फाइल फोटो 

चारधाम यात्रा मे इस बार चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक कुल 195 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चारधाम यात्रा मे इस बार चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक कुल 195 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।इसमें से 71 प्रतिशत यानी 164 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब तक केदारनाथ धाम में 78, यमुनोत्री में 66, बदरीनाथ में 37 और गंगोत्री में 14 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि चारधाम में हुई मौत के कारण जानने को एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार 71 तीर्थयात्रियों की मौत हार्टअटैक से हुई जबकि 17 की मौत सड़क दुर्घटना और 12 प्रतिशत लोगों की मौत अन्य कारणों से हुई है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की ओर से बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
मॉनीटरिंग को कमेटी : डॉ.रावत ने कहा कि केदारनाथ यात्रा के दौरान हो रही मौत के कारणों और इसमें कमी लाने को गठित मॉनीटरिंग कमेटी अब चारों धामों में हो रही मौत के कारणों का अध्ययन कर रिपोर्ट देगी। चारों धामों में मौत कम करने को सुझाव भी देगी। अपने जवाब में सरकार ने कहा है कि गतवर्ष के मुकाबले स्वास्थ्य सुविधाओं में 50 प्रतिशत से अधिक का इजाफा किया गया है। 75 बांड के डॉक्टरों को अलग से तैनात कर दिया गया है।
यात्रा बाधित : विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा कि पंजीकरण के कारण यात्रा बाधित हो रही है। बदरीनाथ धाम के आस पास एक लाख लोगों के रुकने का इंतजाम है। इसके बाद भी यात्री बॉर्डर पर रोके जा रहे हैं। आम श्रद्धालु आठ किमी की लंबी लाइन में इंतजार कर रहा है। वीआईपी सीधे दर्शन कर रहे हैं। रुद्रनाथ ट्रैक पर लोगों से चार्ज लिया जा रहा है।
एक महीने में 35 प्रतिशत अधिक यात्री आए
सरकार ने कहा कि चारधाम में इस बार यात्रियों का रिकार्ड टूटा है। यात्रा के पहले एक महीने में 2019 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक यात्रियों ने चारधाम के दर्शन किए हैं। चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह को देखते हुए सरकार की ओर से पिछली बार के मुकाबले कई अधिक इंतजाम किए गए हैं।
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