उत्तराखंड
उपकरण फूंकने पर ये नियम होगा लागू, फ्यूज चार घंटे में ठीक न किया तो उपभोक्ता को मिलेगा मुआवजा
Renuka Sahu
29 Jun 2022 6:31 AM GMT
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फाइल फोटो
अब अगर आपके मोहल्ले में फ्यूज उड़ने की वजह से गुल हुई बिजली को यूपीसीएल ने चार घंटे के भीतर ठीक न किया तो इसके बाद हर घंटे के हिसाब से उस मोहल्ले के प्रभावित हर उपभोक्ता को दस रुपये मुआवजा मिलेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अब अगर आपके मोहल्ले में फ्यूज उड़ने की वजह से गुल हुई बिजली को यूपीसीएल ने चार घंटे के भीतर ठीक न किया तो इसके बाद हर घंटे के हिसाब से उस मोहल्ले के प्रभावित हर उपभोक्ता को दस रुपये मुआवजा मिलेगा। वहीं, वोल्टेज बढ़ने पर घर के एसी, टीवी, फ्रीज जैसे उपकरण फुंकने पर भी मुआवजे की राशि बढ़ाकर एक हजार से पांच हजार रुपये करने की तैयारी है।
यह बदलाव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग लागू करने जा रहा है। आयोग के सदस्य तकनीकी एमके जैन ने बताया कि यूईआरसी स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2022 का ड्राफ्ट जारी किया गया है, जिस पर सभी हितधारक 11 जुलाई तक अपनी राय डाक, ई-मेल के माध्यम से दे सकते हैं। इसके अलावा 27 जुलाई की सुबह 11 बजे आयोग कार्यालय में जनसुनवाई में आकर भी सुझाव दे सकते हैं। सुझाव आने के बाद आयोग इस रेगुलेशन को लागू कर देगा।
इन सेवाओं के लिए होगी नई व्यवस्था वोल्टेज कम या ज्यादा होने पर
पंखा, ब्लैक एंड व्हाइट टीवी, मिक्सर, ग्रिन्डर, टोस्टर आदि के फुंकने पर 1000 रुपये, 43 इंच तक का कलर टीवी, सेमी ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन, 200 लीटर तक फ्रीज फुंकने पर 3000 रुपये, 43 इंच से ऊपर का कलर टीवी, फुल ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन, कंप्यूटर, एसी, डिशवॉशर, चिमली, 200 लीटर से ऊपर का फ्रीज फुंकने पर 5000 रुपये का मुआवजा यूपीसीएल की ओर से दिया जाएगा।
नए एलटी कनेक्शन के लिए व्यस्था
नया एटी कनेक्शन 15 दिन के भीतर देना होगा। इसके बाद पांच रुपये प्रति हजार प्रतिदिन के हिसाब से रोजाना अधिकतम 500 रुपये जुर्माना यूपीसीएल पर लगेगा। एचटी कनेक्शन के लिए भी अलग से समयसीमा के हिसाब से काम न करने पर जुर्माने का प्रावधान होगा।
लोड घटाने या बढ़ाने के लिए
अगर वहां कोई अलग से लाइन नहीं बिछानी तो 15 दिन के भीतर एलटी कनेक्शन और 30 दिन के भीतर एचटी कनेक्शन के लोड का काम करना होगा। अगर न किया तो 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से संबंधित उपभोक्ता को मुआवजा देना होगा।
फ्यूज उड़ने पर
शहरी क्षेत्रों में चार घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों में आठ घंटे, पर्वतीय क्षेत्रों में 12 घंटे के भीतर बिजली आपूर्ति सुचारु न करने पर किसी एक उपभोक्ता के मामले में 20 रुपये प्रति घंटा और पूरा मोहल्ला होने पर 10 रुपये प्रति उपभोक्ता प्रति घंटा देरी का मुआवजा दिया जाएगा। इसी प्रकार बिजली लाइन के टूटने पर भी उसे जोड़कर बिजली आपूर्ति सुचारु करने की समयसीमा तय कर दी गई है। एलटी लाइन में फॉल्ट आने के लिए भी मुआवजे के मानक तय हो गए हैं।
ट्रांसफार्मर फुंकने या फेल होने पर
शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे और पर्वतीय क्षेत्रों में 72 घंटे के भीतर ट्रांसफार्मर शुरू करना होगा। ऐसा न करने पर अगर एक उपभोक्ता प्रभावित होगा तो उसे 20 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से मुआवजा देना होगा। अगर पूरी आबादी प्रभावित होगी तो वहां प्रत्येक उपभोक्ता को 10 रुपये प्रति घंटा देरी के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। 33 केवी की बिजली लाइन में परेशानी होने पर भी यह प्रावधान किए गए हैं।
वोल्टेज कम होने या कम-ज्यादा होने पर
चार घंटे के भीतर अगर ठीक न की गई तो इसके बाद एकल उपभोक्ता को पांच रुपये प्रति घंटा और पूरी आबादी होने पर दो रुपये प्रति घंटा के हिसाब से मुआवजा देना होगा।
मीटर खराबी की शिकायत पर
30 दिन के भीतर टेस्टिंग करनी होगी। इसके बाद जरूरी होने पर 15 दिन के भीतर मीटर बदलना होगा। ऐसा न करने पर उपभोक्ता को यूपीसीएल की ओर से 50 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। मीटर के खराब होने की शिकायत के लिए मुआवजा की राशि 100 रुपये रखी गई है। मीटर जलने पर छह घंटे के भीतर बिजली आपूर्ति देनी होगी और तीन दिन के भीतर नया मीटर लगाना होगा। ऐसा न करने पर यूपीसीएल को 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से उपभोक्ता को मुआवजा अदा करना होगा।
बिजली कनेक्शन में नाम संबंधी शिकायत
बिजली कनेक्शन के मालिक का नाम बदलने और विधिक कारणों से कनेक्शन मालिक का नाम बदलने के लिए दो माह का समय तय किया गया है। इस अवधि में न करने पर यूपीसीएल को उपभोक्ता को 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा अदा करना होगा। आयोग ने बिलिंग, दोबारा कनेक्शन, कनेक्शन कटवाने की प्रक्रिया के लिए भी समयसीमा तय कर दी है।
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