न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
करीब दो साल से हरक सिंह रावत को हटाने और शमशेर सत्याल की ताजपोशी के बाद कर्मकार बोर्ड साइकिल आवंटन सहित कई घोटालों से चर्चाओं में रहा है।
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में अब साइकिल आवंटन जैसे घोटाले रोकने के लिए ऑनलाइन कवच तैयार किया जा रहा है। इसमें जहां चार लाख श्रमिकों की सभी योजनाएं ऑनलाइन होंगी तो उन आवेदनों पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जा रही है। वहीं, बोर्ड के बेहतर संचालन को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) भी बनाई जा रही है।
करीब दो साल से हरक सिंह रावत को हटाने और शमशेर सत्याल की ताजपोशी के बाद कर्मकार बोर्ड साइकिल आवंटन सहित कई घोटालों से चर्चाओं में रहा है। त्रिवेंद्र सरकार ने हरक को हटाकर शमशेर सत्याल को अध्यक्ष बनाया था। फिर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सत्याल को हटाकर बोर्ड भंग कर दिया था। इस बीच एजी का स्पेशल ऑडिट हुआ। घोटालों की एसआईटी जांच भी बैठाई गई। विवाद अभी भी ताजा हैं लेकिन अब बोर्ड को घोटालों से बचाने की नई जद्दोजहद शुरू हो गई है।
यह होंगे बदलाव
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट : कर्मकार बोर्ड में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) स्थापित की जा रही है। इसमें श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो विभिन्न राज्यों की बेहतर योजनाओं को उत्तराखंड में धरातल पर उतारेंगे। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
सभी योजनाएं ऑनलाइन : कर्मकार बोर्ड की सभी योजनाएं पूरी तरह से ऑनलाइन की जा रही हैं। आवेदन ऑनलाइन होंगे, जो निर्धारित समयावधि में पूरे करने होंगे। साइकिल आवंटन से लेकर सभी योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य होगा। फाइलों को ऑनलाइन ग्रीन, येलो, रेड का टैग दिया जाएगा। हर अधिकारी को रोजाना सुबह लंबित फाइलों की जानकारी मोबाइल पर एसएमएस से मिल जाएगी। अगर श्रमिक पंजीकरण को 30 दिन का समय तय किया जाएगा तो 20 दिन तक फाइल ग्रीन दिखेगी, 20 से 30 दिन के बीच येलो और फिर 30 पूरे होते ही रेड हो जाएगी, जिसकी जानकारी आला अधिकारियों तक भी चली जाएगी। काम न करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
कर्मकार बोर्ड की मजबूती के लिए इसका नियमित स्ट्रक्चर जरूरी है। इस पर हम काम कर रहे हैं। बोर्ड के क्रियाकलापों व अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को लागू करने के लिए पीएमयू का प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही नए बदलाव लागू हो जाएंगे।