नैनीताल/देहरादून: रोपी राजेश ने अपनी पत्नी के इलाज हेतु शार्ट टर्म जमानत का प्रार्थनापत्र गुरुवार को अदालत में दाखिल किया था, जिस पर एकलपीठ ने सुनवाई की। राजेश को यूकेएसएसएससी की सचिवालय रक्षक व वीडीओ भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने के आरोप में उत्तराखंड और यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार कर 27 अगस्त 2022 को जेल भेजा था। राजेश लखनऊ की आरएमएस प्रिंटिंग प्रेस का निदेशक था और इसी प्रेस से पेपर लीक कराया गया था। निचली अदालत ने उसकी याचिका बीते दिसंबर निरस्त कर दी थी।
उधर, एडीजी डॉ. वी. मुरूगेशन ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले से संबंधित प्रकरणों में अभियुक्तों की जमानत निरस्त कराने हेतु एसटीएफ उच्च न्यायालय में अपील करेगी। एडीजी के अनुसार, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा वर्ष 2016 में हुई धांधली के संबंध में विजिलेंस देहरादून में पंजीकृत मुकदमे की विवेचना शासन के आदेश से वर्तमान में एसटीएफ उत्तराखंड द्वारा की जा रही है।
उक्त अभियोग में अभियुक्त हाकम सिंह एवं संजीव चौहान की जमानत अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एंटी करप्शन) देहरादून द्वारा 30 जनवरी 2023 को स्वीकृत की गयी है। हाकम पर गैंगस्टर एक्ट भी लगा है। हालांकि अन्य पंजीकृत अभियोगों में जमानत निरस्त होने के कारण अभियुक्त जेल में ही रहेंगे।