उत्तराखंड

उत्तराखंड में अफ्रीकी स्वाइन फीवर की दस्तक से हड़कंप मच गया, पशुपालन विभाग और नगर निगम को यह अपील करनी पड़ी

Bhumika Sahu
8 July 2022 9:38 AM GMT
उत्तराखंड में अफ्रीकी स्वाइन फीवर की दस्तक से हड़कंप मच गया, पशुपालन विभाग और नगर निगम को यह अपील करनी पड़ी
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पशुपालन विभाग और नगर निगम को यह अपील करनी पड़ी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देहरादून: उत्तराखंड के कोटद्वार क्षेत्र में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की दस्तक से इलाके में हड़कंप मच गया है। इसकी चपेट में आने से करीब 75 पालतू सुअरों की मौत हो गई है। नगर निगम प्रशासन ने आमपड़ाव के पनियाली गदेरे में मृत मिले सुअरों को जेसीबी से गड्ढे खोदकर दबा दिया है। जिसके बाद पशुपालन विभाग व नगर निगम ने स्वाइन फीवर से पीड़ित सुअरों को गड्ढे में दबाने की अपनील सुअर पालकों से की है। विभाग व निगम का कहना है कि खुले में फेंकने से यह बीमारी दूसरे पशुओं में भी फैल सकती है।

पशु चिकित्सक ने सुअर पालकों से की ये अपील
पिछले चार-पांच दिनों में इस संक्रामक बीमारी से क्षेत्र में 75 सुआरों की मौत की सूचना पशुपालन विभाग को मिली है। नगर निगम ने मुनादी कर सुअरों को अपने बाड़े में ही रखने का निर्देश दिया है। नगर क्षेत्र के अंतर्गत आमपड़ाव, कौड़िया, झूलाबस्ती सहित भाबर के कई स्थानों पर पशुपालकों ने सुअर पाले हुए हैं। वहीं पशु चिकित्साधिकारी डॉ बीएम गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है कि आमपड़ाव समेत कई क्षेत्रों में हुए सर्वे में पशुपालकों ने अब तक 75 पशुओं की मौत की जानकारी दी है। जिसके बाद क्षेत्र का मुआयना कर सुअर पालकों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने सुअर पालकों से पशु के बीमार होने की तत्काल सूचना पशु चिकित्सक को देने की अपील की।
ऋषिकेश में भी सुअरों की मौत की मिली थी सूचना
गुरुवार को नगर निगम की टीम ने जेसीबी की मदद से पनियाली गदेरे में मृत सुअरों को गड्ढा खोदकर दबा दिया है। इस पर नगर आयुक्त केएस नेगी ने बताया कि मुनादी कर सुअर पालकों से अपने सुअरों को बाड़े में रखने का निर्देश दिए गए है। साथ ही पशुपालन विभाग को पत्र भेजकर प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने का आग्रह भी किया गया है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ऋषिकेश में भी सुअरों की मौत हो गई थी। जिसे देखते हुए नगर निगम की टीम ने रेलवे रोड और आईडीपीएल क्षेत्र में मीट की दुकानें बंद कराई थी। लेकिन एक बार फिर सुअरों की मौत की खबर सामने आई है। जिसके बाद नगर निगम व पशुपालन विभाग ने निर्देश दिए है।


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