उत्तराखंड
Dhami सरकार गिराने के बयान पर घमासान, विधायकों की चुप्पी पर हरिद्वार सांसद ने साधा निशाना
Tara Tandi
30 Aug 2024 10:12 AM GMT
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Uttarakhand उत्तराखंड: निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के सरकार गिराने की साजिश के बयान के बाद प्रदेश में राजनीति गरमा गई है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत भी खुलकर सामने आये हैं. त्रिवेंद्र रावत ने खानपुर विधायक उमेश पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके बयान की जांच होनी चाहिए. इस तरह के बयानों से कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं
त्रिवेंद्र रावत ने विधायकों पर भी साधा निशाना
बता दें 500 करोड़ में सरकार गिराने वाले बयान पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विधायक उमेश कुमार के बयान की जांच होनी चाहिए. सरकार और विधायकों को विधायक के इस बयान का खंडन करना चाहिए था. ऐसे बयानों से जनता के मन में सवाल उठते हैं. त्रिवेंद्र ने कहा अगर ये बयान सच है तो ये सरकार के खुफिया तंत्र का फैलियर है. उन्होंने कहा इस मामले में स्पीकर खंडूरी को विधायक से साक्ष्य मांगने चाहिए थे. क्योंकि खानपुर विधायक का ये बयान विधानसभा की कार्यवाही में दर्ज है. ऐसे में ये मामला और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है.
निशंक भी कर चुके हैं जांच की मांग
बताते चलें हरिद्वार जिले के खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सदन में गुप्ता बंधुओं पर सराकर गिराने की साजिश का आरोप लगाया था. इसके बाद से इस पर राजनीति गरमाने लगी है. पहले हरिद्वार के पूर्व सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सरकार गिराने के षडयंत्र पर बयान देने वाले विधायक पर ही सवाल दागे थे. उन्होंने कहा कि विधायक को विधानसभा में दिए गए बयान को तथ्यों के साथ साबित करना चाहिए. वहीं अब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने भी निशंक के सुर से सुर मिलाते उनके बयान का समर्थन किया है. बता दें एक समय था जब त्रिवेंद्र रावत निशंक से खास सियासी दूरी रखते थे.
हरदा ने ली चुटकी
वहीं इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निशंक के बयान पर चुटकी ली थी. हरीश रावत ने फेसबुक पर लिखा था कि ‘वाह निशंक जी, सरकार गिराने की कथानक पर आपका बयान देखा. बहुत बहादुरी दिखाई.आपने स्पष्ट कहा, सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए. यह सरकार गिराने की आग जहां जल रही है, हम तो केवल धुएं को देखकर अंदाजा लगा रहे हैं, लेकिन लगता है कि आप आग के नजदीक तक पहुंच गए हैं.’
विस अध्यक्ष ऋतू खंडूरी ने झाड़ा पल्ला
उधर इस मामले पर गरमाती सियासत के बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी का बयान भी सामने आया है. विस अध्यक्ष की माने तो विधानसभा अध्यक्ष का पद तटस्थ होता है. सदन में किसी सदस्य की ओर से कोई बात कही जाती है और उस बात को पक्ष- विपक्ष उठाता है तो विधानसभा अध्यक्ष संज्ञान लेता है, लेकिन स्पीकर सदन में सदस्य की ओर से अपशब्द कहने या उस सदस्य को जिक्र करने पर जो सदन में मौजूद नहीं है, के बारे में स्वत: संज्ञान लेता है. सदस्य की बात पर पक्ष-विपक्ष कुछ नहीं कहता तो पीठ से विनिश्चय देना नियम विरुद्ध होता है.
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Tara Tandi
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