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प्रदेश में जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी की जांच अंतिम चरण में है। सूत्रों की मानें तो इस सप्ताह जांच समिति की ओर से रिपोर्ट शासन को सौंपी जा सकती है। जांच में शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की ओर से गड़बड़ी के संकेत मिले हैं।
कयास लगाए जा रहे हैं कि डीसीबी के चेयरमैन, महाप्रबंधक और जिला सहायक निबंधक (एआर) पर भी कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों और नेताओं की ओर से मिलीभगत कर अपने रिश्तेदारों व परिचितों को भर्ती कराने की बात सामने आ रही है।
डीसीबी में दिसंबर 2020 से चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसमें बीते वर्ष अनियमितता की बात सामने आई थी। हरिद्वार जिले के कुछ विधायकों ने इसे लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद हरिद्वार डीसीबी में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी, जबकि अन्य 11 जिलों में भर्ती प्रक्रिया चल रही थी।
28 मार्च को मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव सहकारिता ने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। अल्मोड़ा डीसीबी में गड़बड़ी का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण देहरादून, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर डीसीबी में प्रकरण की जांच के लिए एक अप्रैल को तीन सदस्यीय समिति गठित कर जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने के निर्देश दिए थे।
अब तक इस जांच को चार माह का समय बीत चुका है। तीन जिलों की जांच के चलते प्रक्रिया लगातार लंबी खिंचती चली गई। जांच समिति में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है, जल्द ही रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी। इधर, सूत्रों की मानें तो जांच में डीसीबी के चेयरमैन से लेकर महाप्रबंधक और जिला सहायक निबंधक तक का नाम गड़बड़ी में सामने आ रहा है। चयन प्रक्रिया में तीनों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। रिपोर्ट में प्रत्येक आरोप और उसकी जांच के साक्ष्य के साथ सूची तैयार की गई है।
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