उत्तराखंड
दून अस्पताल में मरीज और तीमारदार किसे शिकायत करे, इसकी कोई व्यवस्था नहीं
Gulabi Jagat
17 July 2022 2:49 PM GMT
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सैंपल लेकर दौड़ रहे, खुद स्ट्रेचर खींच रहे
देहरादून। दून अस्पताल में मरीज और तीमारदार किसे शिकायत करे, इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। दिन में तो चक्कर काटने के बाद कुछ व्यवस्था हो जाती है, लेकिन रात को किसी भी समस्या के लिए उन्हें कोई अफसर, कर्मचारी यहां नहीं मिलता। वहीं मदद के लिए बना पीआरओ कार्यालय भी बंद हो गया है। यहां पर पहाड़ी जिलों और पश्चिमी यूपी से आने वाले मरीजों एवं तीमारदारों को ज्यादा परेशानी हो रही है।
शुक्रवार रात को राजपुर रोड निवासी एक युवक की पत्नी की डिलीवरी होनी थी। रात 12 बजे लेबर रूम में स्टाफ ने अभद्रता कर दी, जिस पर गर्भवती रो पड़ी। पति किससे शिकायत करें, इसके लिए वह घूमता रहा। कोई डाक्टर, कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं था। सुबह प्राचार्य के हस्तक्षेप पर सुध ली गई और सिजेरियन डिलीवरी हुई। मुख्य अस्पताल की इमरजेंसी में चमोली से आए दिनेश ने बताया कि उनके मरीज को आईसीयू खाली न होने के चलते बिना देखे ही रेफर कर दिया गया। उनकी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं था। उधर, मेरठ से आई एक महिला के परिजन गायनी विंग में महिला के इलाज को शुक्रवार रात और फिर शनिवार सुबह इधर-उधर दौड़ते रहे, पीआरओ ऑफिस बंद मिला और अफसरों ने बाहर होने की बात कह दी।
सैंपल लेकर दौड़ रहे, खुद स्ट्रेचर खींच रहे
इमरजेंसी और वार्डों में बुरा हाल है। यहां पर तीमारदार सैंपल लेकर खुद लैब की दौड़ लगा रहे हैं। वहीं मरीजों की रेडियोलॉजी जांच के लिए खुद ही उन्हें स्ट्रेचर खींचना पड़ रहा है। वार्ड ब्वॉय नहीं होने की वजह से ये समस्याएं आ रही है।
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एचओडी ने दी डाक्टरों को हिदायत
प्राचार्य के निर्देश पर हड्डी रोग विभाग के एचओडी डा. अनिल जोशी ने सभी डाक्टरों की बैठक ली। उन्होंने डाक्टरों को स्पष्ट कहा कि आयुष्मान के किसी भी मरीज से कोई सामान बाहर से न मंगाया जाए। यदि किसी के पास आयुष्मान नहीं है, तो आयुष्मान मित्र दिनेश रावत से संपर्क कर तत्काल बनवाया जाए। प्राचार्य ने कहा कि लगातार शिकायत मिल रही थी, विभाग को लापरवाही मिलने पर कार्रवाई के लिए कह दिया गया है।
कर्मचारियों की कमी से पीआरओ ऑफिस बंद हुआ। मरीज-तीमारदारों की रात में शिकायतें सुनने को मुख्य इमरजेंसी, गायनी विंग में हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी। सोमवार को कर्मचारियों को नामित कर हेल्पलाइन नंबरों के साथ विधिवत आदेश जारी कर दिया जाएगा। दिन में मरीजों की मदद के लिए सभी पीआरओ को मदद के लिए कहा गया है। जो मदद नहीं करता, उसे हटाया जाएगा।
डा. आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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Gulabi Jagat
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