उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन और वन विभाग के संयुक्त सर्वे के बाद 40 नई चोटियों और हाई एल्टीट्यूड ट्रेकिंग रूट को खोलने की दी मंजूरी

Ritisha Jaiswal
28 July 2022 11:50 AM GMT
उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन और वन विभाग के संयुक्त सर्वे के बाद 40 नई चोटियों और हाई एल्टीट्यूड ट्रेकिंग रूट को खोलने की दी मंजूरी
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उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ़ तक 100 से अधिक चोटियां हैं. इनमें से कई चोटियां देश में सर्वाधिक ऊंचाई वाली चोटियों में शुमार हैं.

उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ़ तक 100 से अधिक चोटियां हैं. इनमें से कई चोटियां देश में सर्वाधिक ऊंचाई वाली चोटियों में शुमार हैं. इन चोटियों पर आरोहण के लिए हर साल बड़ी संख्या में देशी- विदेशी पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं. साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को देख भारत सरकार ने 51 नई चोटियों को चिन्हित कर उत्तराखंड से इन्हें पर्यटकों के लिए खोलने को कहा था. उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन और वन विभाग के संयुक्त सर्वे के बाद 40 नई चोटियों और हाई एल्टीट्यूड ट्रेकिंग रूट को खोलने की मंजूरी दे दी है.

उत्तराखंड में पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के बारे में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु का कहना है कि पर्वतारोहियों को आकर्षित करने के लिए हमने एकस्पीडिशन शुल्क भी समाप्त कर दिया है. इसकी भरपाई अब भारतीय पर्वतारोहण संस्थान द्वारा लिए जाने वाले एक्सपीडिशन शुल्क से होगी. आईएमएफ शुल्क का 25 फीसदी शेयर उत्तराखंड को देगा. दरअसल, अभी उत्तराखंड आने वाले पर्वतारोही दलों को आईएमएफ को तो शुल्क देना ही होता था, उत्तराखंड में भी उनसे अलग से शुल्क लिया जाता था. इसके चलते पर्वतारोही दल हिमाचल जैसे राज्यों में जाना ज्यादा बेहतर समझते थे. लेकिन, अब उन्हें दोहरा शुल्क नहीं देना होगा.
शुल्क खत्म करने से साहसिक पर्यटन बढ़ेगा
आईएमएफ, दिल्ली की चेयरपर्सन हर्षवंती बिष्ट का कहना है कि नई चोटियों को खोलने और शुल्क को समाप्त करने का उत्तराखंड सरकार का ये निर्णय स्वागत योग्य है. इससे उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि आईएमएफ पहले भी शुल्क में हिस्सेदारी देता रहा है, लेकिन जब उत्तराखंड ने अलग से शुल्क लेना शुरू किया, तो आईएमएफ ने हिस्सेदारी देनी बंद कर दी थी.
राज्य में अब 143 चोटियों पर पर्वतारोहण
उत्तराखंड में अब पर्वतारोहण के लिए मौजूद चोटियों की संख्या 143 पहुंच गई है. जो देश-विदेश के पर्वतारोहियों के लिए किसी मुंह मांगी मुराद से कम नहीं है. इससे उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में पर्यटकों की वृद्धि तो होगी ही, राज्य के राजस्व में बढ़ोत्तरी के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.


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