उत्तराखंड

मोहान में आतंक का पर्याय बनी बाघिन हुई पिंजरे में कैद

Admin Delhi 1
18 Jan 2023 3:19 PM GMT
मोहान में आतंक का पर्याय बनी बाघिन हुई पिंजरे में कैद
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रामनगर: पिछले सात माह से आतंक का पर्याय बनी बाघिन आखिरकार पिंजरे में कैद हो ही गई। यह बाघिन कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और रामनगर वन प्रभाग के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी थी। यह वही बाघिन है जिसके लंगड़ाकर चलने का वीडियो सामने आया था। ग्रामीणों ने इसे लंगड़ी बाघिन का नाम दिया था।

ढेला रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया: बुधवार की सुबह रामनगर वन प्रभाग के वनकर्मी जब रोजाना की तरह लगाए गए पिंजरों को चेक करने गए तो यह रामनगर वन प्रभाग के पनोद नाले के समीप पिजरे के अंदर से दहाड़ने की आवाज सुनाई दी तो रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार, कार्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारी और पशुचिकित्सक मौके पर पहुंचे। जहां से इसे ट्रेंक्यूलाइज करने के बाद रेस्क्यू कर ढेला रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया है।

गौरतलब है कि कॉर्बेट व कॉर्बेट से लगते हुए रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाले नेशनल हाईवे-309 पर स्थित पनोद नाले से मोहान क्षेत्र तक बाघ का आतंक बना हुआ था। जिसमें कॉर्बेट प्रशासन के साथ ही रामनगर वन प्रभाग की टीमें इन आतंक का पर्याय बन बाघों को पकड़ने में संयुक्त रूप से लगी हुई थी।

पकड़ने के लिए लगातार किए जा रहे थे प्रयास: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास पड़ने वाले पनोद नाले से लेकर 15 किलोमीटर मोहान क्षेत्र तक जून 2022 से बाघों के हमले शुरू हुए थे। जिसमें बाघों द्वारा 4 लोगों को निवाला बनाया गया था और लगभग 2 से 3 लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। पार्क प्रशासन व वन प्रभाग की संयुक्त टीम द्वारा बाघ को पकड़ने के प्रयास किये जा रहे थे।

9 जुलाई 2022को कॉर्बेट प्रशासन द्वारा एक बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया था। जिसके बाद पार्क प्रशासन को लगा कि अब सब सही हो गया। लेकिन तभी 16 जुलाई को बाघ द्वारा फिर नेशनल हाईवे-309 पर मोहान के पास एक बाइक सवार पर हमला किया गया। इसमें बाघ पीछे बैठे युवक को घसीटकर जंगल में ले गया। बाद में युवक का शव मिला था। जिसके बाद पार्क प्रशासन की समझ में आया कि पकड़ी गई बाघिन के अलावा और भी हमलावर बाघ हैं। तब से ही बाघ द्वारा लगातार मानव के साथ ही पशुओं पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं।

बीते साल के दिसंबर माह में 2 लोगों पर हमला, मौत

बीते साल के दिसंबर माह में भी बाघ द्वारा 2 लोगों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतारा गया। तब से ही बाघों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। बाघों को पकड़ने के दौरान चिन्हित किये गए दो बाघों को ट्रेंकुलाइज करने के लिए इंजेक्शन भी दिए गए। लेकिन एन वक्त पर वहां पर तीसरे बाघ की एंट्री ने सारा खेल बिगाड़ दिया था।

बुधवार की सुबह आतंक का पर्याय बने बाघ में से एक बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि यह वही बाघिन है जिसका लंगड़ाकर चलने का वीडियो सामने आया था।

हैदराबाद जाएगा सैम्पल

पकड़ी गई बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। दस साल की इस बाघिन के एक दांत में शिकायत पाई गई। इसके अलावा इसके एक पाँव में भी दिक्कत थी। जिस वजह से यह लगड़ा कर चलती थी।

सूत्रों ने बताया कि बाघिन का डीएनए सैम्पल हैदराबाद की सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर बायलॉजी में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा ताकि मानव को अपना शिकार बनाने वाली बाघिन की पुष्टि हो सके। वन विभाग ने पहले से ही बाघिन के शिकार हुए लोगों के डीएनए सैम्पल लिए थे, फिलहाल ये बाघिन ओल्ड एज की बताई जा रही है।

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