काशीपुर न्यूज़: दो दिन से लगातार आसमान से बरस रही आफत ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ कर रख दी है। खेत में पानी जमा होने के साथ हवा से धान की फसल गिरकर बिछ गई है। किसानों ने सरकार से सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है।दरअसल, काशीपुर ब्लॉक में करीब 15-20 हजार हेक्टेयर रकबे में धान की फसल बोई गई है। अधिकांश फसल पककर तैयार हो चुकी है। दो रात से बारिश होने से खेतों में पानी जमा हो गया है। साथ ही हवा चलने से बहुत से किसानों की पकी फसल खेत में बिछ गई है। फसल खराब होने से धान का वाजिब दाम नहीं मिल पाता है।
धान काला पड़ने से चावल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। चावल खराब होने से उचित मूल्य भी नहीं मिल पाएगा। जिससे किसानों को भारी नुकसान होने का अनुमान है। फसल बर्बाद होने से किसानों के चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती है। कुदरत की मार से अन्नदाता ऊपर उठने के बजाए गिरता जा रहा है। छोटे किसानों को परिवार के भरण पोषण करने के लिए मजदूरी करने को विवश होना पड़ता है। प्रशासन फसलों के नुकसान का सर्वे कराती है, लेकिन हर साल मुआवजा नाममात्र का ही मुहैया होता है। तहसीलदार अक्षय भट्ट ने बताया कि काशीपुर में 57 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है।