उत्तराखंड

डेंगू के नए मामले मिलने का क्रम जारी, मंगलवार को भी प्रदेश में नौ और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई

Shiddhant Shriwas
23 Nov 2022 7:24 AM GMT
डेंगू के नए मामले मिलने का क्रम जारी, मंगलवार को भी प्रदेश में नौ और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई
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डेंगू के नए मामले मिलने का क्रम
डेंगू के नए मामले मिलने का क्रम जारी, मंगलवार को भी प्रदेश में नौ और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुईजागरण संवाददाता, देहरादून: Dengue in Uttarakhand: नवंबर बीतने को है लेकिन डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता थम नहीं रही है। रोजाना डेंगू के नए मामले मिलने का क्रम जारी है। मंगलवार को भी प्रदेश में नौ और लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। देहरादून में सबसे अधिक छह लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। इसके अलावा ऊधमसिंहनगर में दो और पौड़ी में एक व्यक्ति डेंगू पीडि़त मिला। इस तरह इस सीजन में राज्य में अब तक 2243 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। इनमें भी देहरादून जिले में सबसे अधिक 1415 लोग डेगू पीडि़त मिले हैं।
जबकि हरिद्वार में 285, पौड़ी में 191, नैनीताल में 190, ऊधमसिंहनगर में 120 और टिहरी में 42 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। उधर, स्वास्थ्य विभाग दावा करते थक नहीं रहा है कि डेंगू की रोकथाम व नियंत्रण के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। जिन इलाकों में डेंगू के मामले मिल रहे हैं वहां पर नगर निगम, छावनी परिषद व नगर पालिका के साथ समन्वय कर फागिंग व दवा का छिडक़ाव किया जा रहा है। आशा वर्कर भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं।
दून अस्पताल में विकसित होगी सुपर स्पेशलिटी बिल्डिंग
दून अस्पताल में पुरानी बिल्डिंग में इमरजेंसी में खाली हुए हिस्से में सुपर स्पेशिलिटी बिल्डिंग विकसित की जाएगी। यहां पर न्यूक्लियर मेडिसन, यूरोलाजी, पेलिएटिव केयर, कैंसर रेडियोथेरेपी शुरू की जाएगी। प्राचार्य डा.आशुतोष सयाना ने इसके लिए सभी एचओडी को इनके लिए वार्डों को खोलने एवं उपकरण आदि इंस्टाल करने की जिम्मेदारी सौंपी हैं।
उन्होंने बताया कि न्यूक्लियर मेडिसिन द्वारा कैंसर, हृदय, मस्तिष्क, फेफड़े, थायराइड अपटेक स्कैन और बोन स्कैन किए जाते हैं। अन्य रोगों का इलाज भी न्यूक्लियर मेडिसिन द्वारा किया जाता है। पुरानी इमरजेंसी खाली होने से अब यहां पर यूरोलाजी विभाग और कैंसर रोग विभाग के वार्ड बनाए जाएंगे।
मंगलवार को यूरोलाजिस्ट डा. मनोज बिश्वास, डीएमएस डा. धनंजय डोभाल ने सारी व्यवस्था देखी। वहीं जिन मरीजों का इलाज संभव नहीं है और वह गंभीर स्थिति में है और उन्हें देखरेख की जरूरत है। ऐसे लोगों को यहां एक्सिलेंस सेंटर बनाकर तीमारदारों के साथ रखा जाएगा।
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