सुशीला तिवारी अस्पताल में कार्यरत एकमात्र प्लास्टिक सर्जन ने छोड़ी नौकरी
हल्द्वानी न्यूज़: सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के कई दावा कर रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में कार्यरत प्लास्टिक सर्जन ने नौकरी छोड़ दी है। इससे एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग लचर हो गया है। जानकर हैरानी होगी कि यह कुमाऊं के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एकमात्र प्लास्टिक सर्जन था। कॉलेज प्रशासन के पास वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है। जानकारी के मुताबिक काम के दबाव और अब तक स्थायी नियुक्ति न होने के चलते प्लास्टिक सर्जन डॉ. हिमांशु सक्सेना ने अपना कांट्रेक्ट रिन्यूवल ही नहीं कराया। एसटीएच में प्लास्टिक सर्जन 10 वर्ष से कार्यरत हैं। वर्ष 2016 से एसोसिएट प्रोफेसर हैं, लेकिन संविदा पर ही कार्यरत हैं। इस बीच एक और प्लास्टिक सर्जन ने ज्वाइन किया, लेकिन वह छह महीने भी नहीं टिके। इतने वर्षों से अकेले ही डॉ. सक्सेना सेवाएं दे रहे थे। जबकि अस्पताल में मरीजों का बहुत अधिक दबाव रहता है।
पूरे कुमाऊं से रेफर होकर मरीज पहुंचते हैं। इसमें जले हुए मरीजों की संख्या अधिक रहती है। अब अचानक डॉक्टर के न होने से संकट पैदा हो गया है। प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि प्लास्टिक सर्जन डॉ. हिमांशु सक्सेना का कांट्रेक्स सात नवंबर को पूरा हो गया था। उन्होंने अभी तक रिन्यूवल के लिए आवेदन नहीं किया है। इस संबंध में उनसे बातचीत की जाएगी। प्लास्टिक सर्जन डॉ. हिमांशु सक्सेना ने कहा कि मैं 10 वर्ष से कार्यरत हूं। मैंने इस बार कांट्रेक्ट रिन्यूवल नहीं किया।