क्राइम न्यूज़: जमीनी विवाद को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे वृद्ध व्यक्ति ने सोमवार को जहर खाकर आत्महत्या कर ली। वृद्ध व्यक्ति का शव उनके ही घर के पास झाड़ियों से बरामद किया गया। परिजनों ने शव को लेकर पुलिस चौकी का घेराव कर किया। इसके बाद जमकर हंगामा कर धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस प्रशान के विरुद्ध नारेबाजी की और जल्द कार्रवाई की मांग की। ग्रामसभा टैगोर नगर निवासी पंचानन मजूमदार (68) का लंबे समय से अपने पड़ोसी महिला पुतुल विश्वास पत्नी मृत्युंजय विश्वास के साथ जमीनी विवाद चल रहा था। परिजनों का आरोप है कि गुरुवार को जमीनी विवाद के चलते पड़ोसी महिला पुतुल विश्वास ने अपने दोनों पुत्र मृत्युंजय विश्वास व मीहिर विश्वास के साथ मिलकर उसके झोपड़ी में आग लगा दी थी, जिससे उनका सारा सामान जलकर राख हो गया था। मृतक के पुत्र गोपाल मजूमदार ने पुलिस को दी तहरीर देकर बताया कि पड़ोसी पुतुल विश्वास ने अपने दोनों पुत्रों के साथ मिलकर दो-तीन माह पूर्व भी उसके घर में आग लगाई थी। दोनों घटना की जानकारी पुलिस को दी गई थी जिस पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। आरोप है कि बावजूद इसके पड़ोसी महिला पुतुल विश्वास ने अपने दोनों पुत्रों संग मिलकर वृद्ध व्यक्ति को मानसिक रूप से लगातार प्रताड़ित करती रही, जिससे तंग आकर वृद्ध पंचानन मजूमदार ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
वहीं, परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई किए जाने के बाबत शव को लेकर चौकी का घेराव कर जमकर हंगामा और नारेबाजी की। परिजन एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल व सीओ वीर सिंह द्वारा तहरीर लिए जाने व आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन पर परिजन शांत हुए। जिसके बाद तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी द्वारा शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए खटीमा भेज दिया है।
न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहे वृद्ध ने मानी हार: पड़ोसी महिला से जमीनी विवाद के चलते लंबे समय से न्याय की लड़ाई लड़ रहे वृद्ध पंचानन मजूमदार ने आखिरकार हार मान ली। असहाय वृद्ध ने न्याय के लिए ऐसा कोई दरवाजा नहीं था जो खटखटाया नहीं, उन्होंने तमाम अधिकारियों, नेताओं, पत्रकारों सहित कई लोगो से मदद की गुहार लगाई। लेकिन, मामला न्यायालय में लंबित होने के कारण चाहकर भी कोई वृद्धि की मदद नहीं कर सका। आखिर में जमीन का एक टुकड़ा उनकी जान ले गया।
घर में आग लगाए जाने के बाबत पीड़ित परिवार द्वारा सौंपी गई तहरीर के आधार पर मामले में जांच जारी है। - बसंती आर्य, प्रभारी निरीक्षक, सितारगंज