उत्तराखंड

पीठ पर लोहे के कुंडे बनवाकर खींच रहा कांवड़

Admin4
21 July 2022 4:32 PM GMT
पीठ पर लोहे के कुंडे बनवाकर खींच रहा कांवड़
x

रुड़की: धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों कांवड़ यात्रा चल रही है. दूर-दूर से शिवभक्त कांवड़िये गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं. इस मेले में शिवभक्तों की आस्था देखते ही बन रही है. पैदल मार्गों पर आस्था के कई रंग नजर आ रहे हैं. यहां कोई कंधे पर कांवड़ उठाकर मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंच रहा है तो कोई शरीर के बल रेंगते हुए मंदिर पहुंच रहा है. इसी बीच एक कांवड़िये का हैरतअंगेज कारनामा भी सभी को आकर्षित कर रहा है. ये कांवड़िया अपनी पीठ पर लोहे के कुंडे गुदवाए हुए है. जिसके सहारे वह करीब डेढ़ कुंतल वजन की कांवड़ खींचकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा है.

हरिद्वार से हरियाणा के कैथल जनपद के केयोडक गांव की पद यात्रा के लिए निकले जोगिंदर गुज्जर ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया इसकी प्रेरणा उन्हें अपने उस्ताद देशराज से मिली है, जो ताइक्वांडो कोच हैं. वे उन्हें स्टंट सिखाते हैं. उन्होंने बताया जैसे बजरंग बली हनुमान ने अपना सीना चीरकर श्रीराम का वास अपने सीने में दिखाया था उसी तरह भगवान शिव के प्रेम में वह अपनी पीठ पर लोहे के कुंडे बनवाकर कांवड़ खींच रहे हैं. ये सब वह भगवान शिव के प्रेम में कर रहे हैं. जोगिंदर ने बताया इस कांवड़ को उठाते हुए कोई दर्द नहीं होता है. न ही किसी की याद आती है.

बता दें जोगिंदर पेशे से एक प्लम्बर हैं. वे अपने उस्ताद देशराज के पास रहकर ताइक्वांडो सीख रहे हैं. जोगिंदर के उस्ताद ताइक्वांडो कोच देशराज ने बताया हरिद्वार से हरियाणा बॉर्डर तक इस कांवड़ को जोगिंदर लेकर जाएंगे. उससे आगे वह स्वयं इसी तरह इस कांवड़ को शिव मन्दिर तक पहुंचाएंगे. देशराज ने बताया उन्होंने कावड़ यात्रा से पहले वाल्मीकि जयंती पर कमर में कुंडी डालकर एक बड़ा ट्रक भी खींचा था. जिसके बाद मन में विचार आया कि जब हम इतना बड़ा ट्रक खींच सकते हैं तो इस हम कांवड़ भी इस तरह ले जा सकते हैं.


Next Story