नैनीताल न्यूज़: हाल ही में खरीदी गई कार से पैतृक गांव जाने की सोनू की जिद पूरे परिवार को ले डूबी. देवरिया के पास हुए सड़क हादसे में सोनू सहित परिवार के छह लोगों की जान चली गई.
जानकारी के मुताबिक सोनू की पैदाइश लालकुआं में हुई थी. उनका परिवार यहां दुर्गापाल कॉलोनी में रहता था. सोनू की पत्नी और बच्चों के अलावा यहां बड़े भाई और बहन भी यहां रहते थे. दुर्गापाल कॉलोनी में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि सोनू शाह के पिता पारस शाह सेंचुरी पेपर मिल में नियमित श्रमिक थे. वह जब सेवानिवृत्त हुए तो अपने पैतृक गांव को चले गए. कुछ समय पहले ही सेंचुरी पेपर मिल में सोनू गार्जियन कोटे से नियमित हुआ था. परिवार अपने भाई के पुत्र के मुंडन संस्कार में शामिल होने के लिए पैतृक गांव जा रहा था. सोनू की पत्नी की रिश्तेदारी में भी एक विवाह समारोह होने वाला है.कॉलोनी के नरसिंह वर्मा और विक्रम सक्सेना ने बताया कि मिलनसार एवं हंसमुख स्वभाव का सोनू शाह कार खरीदने के बाद अत्यंत उत्साहित था. रवि पिता के साथ ही देवरिया में रहता था. इंटरमीडिएट की परीक्षा देकर वह 12 मार्च को लालकुआं आया था. वहीं पांच भाइयों में सबसे छोटा अभिषेक हरिद्वार में काम करता है. उसे जैसे ही हादसे की सूचना मिली तो वह गांव रवाना हो गया है.
चकरवा बंकुल गांव में मचा कोहराम
सड़क हादसे में परिवार के बेटे, बहू, बेटी और पोते-पोती की मौत की सूचना चकरवा बंकुल पहुंचते ही गांव में मातम फैल गया. बेटे और पौत्र के एक साथ मौत पर पारस शाह बदहवास थे. परिवार के अन्य लोगों का भी रो-रो कर बुरा हाल हो गया. देवरिया जिले के श्रीरामपुर थाना क्षेत्र के चकरवा बंकुल गांव के रहने वाले पारस शाह सेवानिवृत्त होने के बाद से गांव पर ही रह रहे थे. सुबह श्रीरामपुर थाने के थानेदार चकरवा बंकुल पहुंचे और पारस को घटना की जानकारी दी. बेटे सोनू, रवि, बहू और पौत्र-पौत्री की मौत की सूचना से घर में कोहराम मच गया. पारस बेटे हवलदार व अन्य लोगों के साथ सुबह ही बलरामपुर को निकल गए. गांव के समीप झरही नदी के किनारे छह लोगों के अंतिम संस्कार किया गया.
टक्कर की आवाज से खुली दुकानदार की नींद
दुर्घटना स्थल के निकट पंचर बनाने वाले गालिबपुर निवासी मोहम्मद आलम ने बताया कि तेज आवाज सुनकर उनकी नींद टूट गई थी. उन्होंने देखा कि कार में बैठे लोग कराह रहे हैं. मौके पर एक ट्रक भी मौजूद था. थोड़ी देर बाद ट्रक तेजी से बलरामपुर को वाहन लेकर चला गया.
सोनू के गांव के लिए रवाना हुए पड़ोसी
लोगों के मुताबिक सोनू और उसका परिवार मिलनसार था. आसपास के लोगों के साथ उसके काफी अच्छे संबंध थे. यही कारण है कि दुखद खबर मिलते ही कई लोग उनके गांव देवरिया के लिए रवाना हो गए हैं.
ट्रेन से गांव चलने की सलाह नहीं मानी
परिवार ने एक समारोह में शामिल होने के लिए चकरवा गांव जाना था. इस पर भाइयों ने उसे ट्रेन से गांव चलने की सलाह दी. उसके दोनों भाई एक दिन पहले ट्रेन से निकल गए, जबकि सोनू की जिद पर बाकी लोग कार से गांव के लिए रवाना हुए.