देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर काम कर रहे कर्मचारियों का मानदेय वैसे ही कम है, इसपर मानदेय मिलने में हो रही देरी से उनकी माली हालत बिगड़ती जा रही है. महीनों वेतन नहीं मिलने से दाल-रोटी का संकट तो पैदा हो रही रहा है, बच्चों की फीस, बीमारी में इलाज के लिए भी कर्मचारी मोहताज हैं.
इसबार चारधाम यात्रा में तैनात किए गए हरेक पीआरडी जवान की यही कहानी है. उन्होंने अप्रैल से अगस्त तक बिना मानदेय काम किया. हाल ही में युवा कल्याण विभाग ने मानदेय तो जारी किया, लेकिन वो इस बीच की उधारी चुकाने में ही चला गया. पीआरडी जवानों को 570 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिलता है. डोईवाला निवासी पीआरडी जवान नरेश लोदी ने बताया कि उनकी तैनाती रायवाला में है. मानदेय समय पर नहीं मिलने के कारण परिवार के भरण पोषण के लिए दोस्तों और सगे संबंधियों से उधार मांगना पड़ा.
सरकार की ओर से पीआरडी जवानों के साथ सौतेला व्यवहार होता रहा है. मुसीबत के समय सरकार के यही जवान काम आते हैं. सरकार को पीआरडी जवानों को 365 दिन का नियमित रोजगार देना चाहिए. इसके साथ ही उनका मानदेय समय पर दिया जाए. -प्रमोद मंद्रवाल, अध्यक्ष, प्रांतीय रक्षक दल संगठन