उत्तराखंड
2500 रुपये महीने पर प्रधानाध्यापिका ने रखी थी लड़की, खुद नहीं आती थी स्कूल
Gulabi Jagat
21 Sep 2022 3:28 PM GMT
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उत्तराखण्ड में शिक्षा की जो स्थिति है, उसे लेकर बार-बार चिंता व्यक्त की जाती रही है। चाहे स्कूली शिक्षा हो या उच्च शिक्षा, दोनों में आदर्श स्थिति से हम अभी भी दूर हैं। जहां एक ओर सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के दावा करती है वैसे ही स्कूलों में एक से बढ़कर एक नए नए मामले सामने आ जाते हैं। वहीं, अब ताजा मामला उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगवाड़ी से है। जहां प्राथमिक विद्यालय से प्रधानाध्यापिका नदारद मिली इतना ही नहीं प्रधानाध्यापिका ने अपने स्थान पर पढ़ाने के लिए 2500 रुपए मासिक पर एक लड़की को भी रखा हुआ है। दरअसल मामला बीते मंगलवार का है। जहां मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी के निरीक्षण के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ है। जिसके पश्चात सीईओ द्वारा प्रधानाध्यापिका का वेतन रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है। इसके साथ ही उन्हें खंड शिक्षा कार्यालय थलीसैंण अटैच कर दिया गया है।
बता दें बीते मंगलवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ आनंद भारद्वाज थलीसैंण में आयोजित तहसील दिवस में शामिल होने जा रहे थे, इस बीच उन्होंने स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जिसके पश्चात उन्होंने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय बगवाड़ी मैं निरीक्षण के दौरान पाया गया कि स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत व सहायक अध्यापिका माधुरी सेवारत हैं और प्रधानाध्यापिका शीतल रावत द्वारा अपने स्थान पर किसी ग्रामीण लड़की को छात्र-छात्राओं के अध्ययन हेतु रखा गया है। जिसे प्रधानाध्यापिका शीतल रावत द्वारा प्रतिमाह ₹2500 मासिक दिए जाते हैं। जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने इसे सरकारी कर्मचारी के दायित्वों का उल्लंघन पाया है और उक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सीईओ के आदेशों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा ने प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया है।
Gulabi Jagat
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