अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्थाएं हुई बदहाल, इंतजार करता रहा निमोनिया पीड़ित बालक
रुद्रपुर न्यूज़: जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। मगर जिला अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्थाएं बदहाल हो चुकी है। यहीं कारण है कि बुधवार को निमोनिया से पीड़ित एक बालक देर रात करीब डेढ़ घंटे तक इमरजेंसी कक्ष में बैठा डॉक्टर का इंतजार करता रहा। मगर चिकित्सक को कोई अता-पता नहीं। वहीं इमरजेंसी में तैनात स्वास्थ्य कर्मी भी बालक को देखने के बावजूद सोते रहे। ऐसे में सवाल उठता है कि जब इमरजेंसी सेवा में यह हाल है, तो अन्य व्यवस्थाओं का क्या हाल होगा। सुबह मामला संज्ञान में आने के बाद सीएमओ सुनीता चुफाल रतूड़ी ने पीएमएस डॉ. राकेश सिन्हा को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार की देर रात तकरीबन दो बजे के करीब आदर्श कॉलोनी निवासी ध्रुव कुमार (14) की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। ठंड लगने की वजह से उसे खांसी व सांस लेने में दिक्कत होने पर परिवार के लोग रात को ही जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में ले गए। जहां इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर की कुर्सी खाली पड़ी थी और चिकित्सक के कक्ष में एक स्वास्थ्य कर्मी हीटर लगाए सो रहा था।
वहीं दूसरे कक्ष में दूसरा स्वास्थ्य कर्मी कंबल ताने आराम फरमाते नजर आया। जब बालक के परिजन ने दूसरे कक्ष में सो रहे स्वास्थ्य कर्मी को जगाया व परेशानी बताई। तो उसने दूसरे स्वास्थ्य कर्मी को सूचना देने की बात कहकर सो गया। इसके बाद परिजन चिकित्सक कक्ष में सो रहे स्वास्थ्य कर्मी को उठाया और चिकित्सक के संबंध में पूछा तो कर्मचारी रात ढाई बजे चिकित्सक के खाना खाने के लिए जाने की बात कहकर फिर सो गया। जबकि बालक के परिजन लगातार स्वास्थय कर्मी से मोबाइल नंबर मांगते रहे, लेकिन न तो उसने डॉक्टर का नंबर दिया और न ही खुद उन्हें बुलाया। डेढ घंटे तक इंतजार करने के बाद आखिरकार परिजन बीमार बालक को एक निजि अस्पताल ले गए और उसका उपचार करवाया। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक कितनी जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं और अधिकारियों का कितना इन पर नियंत्रण है।