न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए सरकार नई नीति तैयार कर रही है। इसमें उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति की तर्ज पर उत्तराखंड में भी निवेशकों को ज्यादा प्रोत्साहन देने का प्रावधान होगा।
उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन की डोज देगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से नई पर्यटन नीति का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जिसके तहत उद्योगों को कई तरह की राहत दी जाएगी। जल्द ही नीति के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पर्यटन विकास परिषद से पारित कर नीति का ड्राफ्ट कैबिनेट की आगामी बैठक में आने की पूरी संभावना है।
प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए सरकार नई नीति तैयार कर रही है। इसमें उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति की तर्ज पर उत्तराखंड में भी निवेशकों को ज्यादा प्रोत्साहन देने का प्रावधान होगा। जिससे फाइव स्टार होटल, रेस्टोरेंट, साहसिक पर्यटन के लिए अवस्थापना विकास में सरकार की ओर से निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जाएगा।
अभी तक एमएसएमई उद्योगों की तर्ज पर सरकार पर्यटन उद्योगों को एक से डेढ़ करोड़ की निवेश प्रोत्साहन राशि दे रही है, जबकि अन्य राज्यों में पर्यटन उद्योगों को ज्यादा प्रोत्साहन मिलने से निवेश उत्तराखंड में कम रुचि दिखा रहे हैं। जिससे सरकार ने नई नीति में प्रोत्साहन बढ़ाकर निवेशकों को आकर्षित करने जा रही है। जल्द ही नीति को अंतिम रूप देकर मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा।
नई नीति में मिल सकते हैं ये प्रोत्साहन
नई पर्यटन नीति में निवेश प्रोत्साहन राशि को डेढ़ करोड़ से बढ़ा कर दो करोड़ किया जा सकता है। इसके अलावा इंटर सब्सिडी को 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, एसजीएसटी में पांच साल तक की छूट, स्थानीय वास्तुकला के आधार पर भवन निर्माण करने पर अतिरिक्त अनुदान राशि का प्रावधान किया जाएगा। पर्यटन क्षेत्र में महिला उद्यमियों को अलग से प्रोत्साहन राशि मिल सकती है। इसके बंजी जंपिंग, पैराग्लाइडिंग, कैंपिंग आदि साहसिक पर्यटन में निवेश करने वालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। होटल व्यवसाय में सीवरेज सिस्टम, सौर ऊर्जा के लिए निवेशकों को अतिरिक्त राहत देने का प्रावधान किया जाएगा।
पर्यटन में 5122 करोड़ का निवेश प्रस्तावित
सरकार को पर्यटन क्षेत्र में 1116 निवेश प्रस्ताव मिले हैं, इसमें लगभग 5122 करोड़ का निवेश होगा। दावा है कि 19 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार का मानना है कि नई नीति के बनने से राज्य में पर्यटन क्षेत्र में निवेश में तेजी आएगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही सेवा क्षेत्र से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
एमएसएमई में ये मिलती हैं सुविधा
प्रदेश में 2019 में पर्यटन को उद्योग दर्जा देकर पर्यटन नीति लागू की थी। जिसमें पर्यटन उद्योगों को भी एमएसएमई, मेगा इंडस्ट्रियल नीति के तहत प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई थी। विनिर्माण उद्योग की तर्ज पर ही पर्यटन उद्योगों को 10 से 200 करोड़ का निवेश करने पर पर्वतीय क्षेत्रों में 10 प्रतिशत या अधिकतम 1.5 करोड़, मैदानी क्षेत्रों में 10 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ की छूट, बिजली बिलों में एक रुपये प्रति यूनिट की प्रतिपूर्ति और विद्युत ड्यूटी में पांच साल की छूट दी जाती है।
उत्तराखंड में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही नई नीति लागू करेगी। इसके लिए विभाग की ओर से नई पर्यटन नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इस नीति में निवेशकों को सरकार एमएसएमई से अधिक निवेश प्रोत्साहन राशि देगी। इससे आने वाले समय में प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।