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बड़ी खबर
हल्द्वानी। खूंखार बंदरों के आतंक से आजिज लोगों ने प्रशासन से बंदरों को पकड़ने की गुहार लगाई और प्रशासन ने खूंखार बंदरों को पकड़ने के लिए कुत्ते पकड़ने वाली टीम भेज दी। नतीजा टीम बैरंग लौट आई, जिसके बाद मंगलवार को कमलुवागांजा में गिरिजा विहार गुरुकुल स्कूल मोड़ पर देवी मंदिर के बाहर गिरजा विहार और आस-पास के लोगों ने वन विभाग, नगर निगम और जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। बंदरों के हमले की छिटपुट घटना तो पहले भी हुई, लेकिन बीते माह 28 अगस्त को पहली बड़ी घटना हुई। बंदरों ने गिरिजा विहार निवासी बीएसएफ जवान अरविंद रावत की पत्नी वीना रावत पर उस वक्त हमला किया, जब वह आंगन में सफाई कर रहीं थीं।
बंदरों का शिकार हो चुकीं शांति ने बताया कि बंदर राह चलते लोगों का सामान छीन रहे हैं। सोमवार को स्कूल से लौट रहे बच्चों पर हमला कर दिया। बंदर एक और महिला के कंधे पर बैठ गया और उनके बाल उखाड़ने लगा। मंदिर के पुजारी पर बंदर कई बार हमला कर चुका है। पुजारी ने बताया कि एक महिला पर घंटी बजाते वक्त और एक महिला पर भजन गाते वक्त बंदरों ने हमला किया। सामाजिक कार्यकर्ता एवं रिवर वैली सोसाइटी के अध्यक्ष कैप्टन सोबन सिंह भड़ ने बताया कि इस संबंध में विभागों से संपर्क किया, लेकिन काम नहीं बना। गिरिजा विहार सोसाइटी के सचिव श्रीश कोठारी, भगवान सिंह बनकोटी बंदरों से निजात पाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई और सोमवार को बंदर पकड़ने के लिए कुत्ते पकड़ने वाली टीम को भेज दिया गया। विरोध प्रदर्शन में गोविंद सिंह बड़ती, मनोनीत पार्षद भी शामिल हुए।
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