अवैध खनन करने के लिए पूर्व की अनुमति के कागजातों की तिथि में ओवरराइटिंग के जरिये हेराफेरी करने का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें एक व्यक्ति ने उपजिलाधिकारी कार्यालय में साक्ष्यों के साथ शिकायती पत्र प्रस्तुत कर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, उपजिलाधिकारी ने एसओ केलाखेड़ा को मामले की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को एसडीएम कोर्ट पहुंचे रतना मडैया वार्ड नंबर-9 केलाखेड़ा निवासी रहीस अहमद ने उपजिलाधिकारी आरसी तिवारी के समक्ष एक शिकायती पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि चार अक्टूबर की रात करीब साढ़े 9 बजे कुछ लोग तरना मडैया क्षेत्रांतर्गत रहीस अहमद के खेत के बराबर में एक खेत से अवैध खनन कर रहे थे। जिसका रहीस अहमद ने नगर पंचायत अध्यक्ष अकरम पठान व अन्य लोगों की मदद से इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उनके पास परमीशन होने की बात कही जिसमें परमीशन की एक प्रति एसओ केलाखेड़ा को उपलब्ध करवाई गई और इस अनुमति पत्र के आधार पर पुलिस ने लोगों द्वारा रोके गए अवैध खनन सामग्री से भरे वाहनों को छोड़ दिया।
आरोप है कि इस अनुमति पत्र में दर्शायी गई तिथि में ओवर राइटिंग होने पर शक हुआ तो इसकी गहनता से जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई। पता चला कि 23 सितंबर 2022 तिथि की परमीशन के जो कागजात आरोपियों द्वारा दिखाए गए हैं, वह असल में डीएम कार्यालय से जारी 23 अगस्त 2022 की अनुमति के हैं तथा 23 सितंबर को खनन चुगान करने से संबंधित कोई अनुमति नहीं दी गई है।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar