उत्तराखंड

Char Dham के कपाट बंद होने की तिथि हुई घोषित

Tara Tandi
13 Oct 2024 1:15 PM GMT
Char Dham के कपाट बंद होने की तिथि हुई घोषित
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Uttarakhand उत्तराखंड: केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथियों की घोषणा हो गई है। शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा भी समाप्त हो जाएगी। फिर छह महीने बाद चारों धामों के कपाट विधि-विधान पूर्वक खोले जाएंगे। शीतकाल में भगवान अपनी शीतकालीन गद्दीस्थल में भक्तों को दर्शन देते हैं।
चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि घोषित
केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरानुसार भैया दूज के दिन बंद होते हैं। इसलिए केदारनाथ धाम और यमनोत्री धाम के कपाट तीन नवंबर को विधि-विधानपूर्वक बंद किए जाएंगे। जबकि बद्रीनाथ के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे और गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन बंद होंगे।
इस दिन बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
विजय दशमी के अवसर पर बद्रीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात शनिवार को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की घोषणा की गई। बद्रीनाथ धाम के कपाट नवंबर को 17 नवंबर रात 9 बजकर 7 मिनट पर बंद होंगे। बता दें कि अभी तक 11 लाख से अधिक तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे। जबकि साढ़े 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ धाम दर्शन के दर्शन किए हैं।
भैया दूज के दिन बंद होंगे केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के पावन पर्व के पश्चात भैया दूज को 3 नवंबर सुबह 8.30 बजे बंद हो रहे हैं। इसी दिन 3 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर ( निकट फाटा) को प्रस्थान करेगी। 4 नवंबर को पंचमुखी डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।
5 नवंबर को गुप्तकाशी से पंचकेदार गद्दस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में शीतकाल हेतु विराजमान होगी।भैयादूज के दिन ही यमनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद होंगे। तीन नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर बंद होंगे।
दो नवंबर को बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट
गंगोत्री धाम के कपाट भैया दूज से एक दिन पहले अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन बंद होते हैं। इस साल गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में बंद होंगे। शनिवार 2 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर शुभ मुहूर्त में विधि-विधानपूर्वक बंद किए जाएंगे। आपको बता दें कि चारों धामों के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा भी समाप्त हो जाती है।
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