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उत्तराखंड में द्रौपदी का डांडा-2 के आरोहरण के लिए गए पर्वतारोही नीतीश बर्फीले तूफान की चपेट में आने के बाद से ही लापता थे। शुक्रवार को कई शवों को बरामद किया गया था, जिसमें से लापता पर्वतारोही गांव मटिंडू निवासी नीतीश दहिया के शव की पहचान शनिवार को उनके परिजनों ने कर ली है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। रविवार सुबह शव गांव में आने की बात कही जा रही है।
नीतीश दहिया एडवांस कोर्स के लिए 23 सितंबर को द्रौपदी का डांडा-2 में अपने सहयोगी प्रशिक्षु पर्वतारोही, प्रशिक्षकों व नर्सिंग स्टाफ के साथ गए थे। इसी बीच मंगलवार सुबह करीब आठ बजे इस दल के ज्यादातर सदस्य बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए थे। जिसके बाद से चलाए गए बचाव अभियान में लगातार खराब मौसम बाधा बना हुआ था। दल के लापता सदस्यों को ढूंढ पाना मुश्किल हो रहा था।
इसी बीच जब नीतीश दहिया के परिजनों को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया तो परिवार के कई सदस्य उत्तराखंड के लिए बुधवार को ही रवाना हो गए थे और अब तक नीतीश की तलाश में वहीं रुके थे। बचाव अभियान के दौरान शुक्रवार को कई पर्वतारोहियों के शवों को बरामद किया गया, जिसके बाद सात शवों को द्रौपदी का डांडा बेस कैंप से हेलीकाप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचाया गया था। जहां से उन शवों की शनाख्त व पोस्टमार्टम के लिए उत्तरकाशी सरकारी अस्पताल में भेजा गया था। यहीं पर एक शव की पहचान परिजनों ने नीतीश के रूप में की। रविवार की सुबह नीतीश का शव गांव में लाया जाएगा। मामले का पता लगने पर गांव में मातम पसर गया है।
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