उत्तराखंड

भर्ती महिला ने जमकर मचाया उत्पात, जानिए क्या है मामला

Admin4
17 July 2022 6:05 PM GMT
भर्ती महिला ने जमकर मचाया उत्पात, जानिए क्या है मामला
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रुड़की: सिविल अस्पताल में एक महिला का करीब 5 दिनों से उपचार चल रहा है. महिला ने आज रविवार को ट्रामा सेंटर में जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान महिला ने ट्रामा सेंटर के मुख्य दरवाजे पर लगे शीशे भी तोड़ दिए, जिसके बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने बमुश्किल महिला को काबू में किया.मानसिक

रूप से दिव्यांग एक महिला को सिविल लाइन कोतवाली पुलिस ने 13 जुलाई को सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया था. आज रविवार को अस्पताल में महिला किसी बात को लेकर भड़क गई. महिला ने सिविल अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया. महिला ने सिविल अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में लगे मुख्य दरवाजे के शीशे तोड़ने के साथ अन्य चीजों को भी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टरों व अन्य स्टाफ ने बमुश्किल महिला को काबू में किया. इस दौरान अस्पताल स्टाफ में अफरा-तफरी मची रही.बता दें, एक महिला 12 जुलाई को रुड़की की दुर्गा कॉलोनी में अपने ससुराल वालों के घर के बाहर धरने पर बैठ गई थी, जिसके बाद ससुराल वालों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी थी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को समझाने का काफी प्रयास किया था लेकिन वो नहीं मानी थी. महिला की मांग थी कि वह घर में अपनी बच्ची के साथ रहना चाहती है.

दरअसल, महिला का आरोप है कि उसका पति उसे काफी समय से उसके साथ नहीं है. ससुराल पक्ष के लोग भी उसे घर में नहीं घुसने दे रहे हैं. उसकी 8 वर्षीय बेटी भी उसके सास-ससुर के पास है. वह उसके साथ रहना चाहती है.

मौके पर मौजूद महिला की सास ने बताया था कि उन्होंने अपनी बहू को अलग फ्लैट लेकर दे रखा है और वह उसे खर्चा भी देते हैं, जिसके बाद 13 जुलाई की सुबह सास और बहू को सिविल लाइन कोतवाली में लाया गया था. महिला ने कोतवाली में भी काफी उत्पात मचाया था, जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने 108 के माध्यम से महिला को उपचार के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया था.गौतलब है, गाजियाबाद जिले की रहने वाली एक युवती की शादी साल 2012 में रुड़की की सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के दुर्गा कॉलोनी निवासी युवक के साथ हुई थी. शादी के बाद दोनों के बेटी ने जन्म लिया. पिछले कुछ सालों से पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर मनमुटाव चला रहा है. बताया जा रहा है कि तलाक के लिए मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है.

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