उत्तराखंड

THDC उत्तराखंड में बनाएगा आठ नई पनबिजली परियोजनाएं, पावर कट से नहीं होना पड़ेगा परेशान

Renuka Sahu
17 Aug 2022 6:17 AM GMT
THDC will build eight new hydroelectric projects in Uttarakhand, will not have to worry about power cut
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फाइल फोटो 

उत्तराखंड में जल्द आठ नई पनबिजली परियोजनाएं शुरू होने जा रही हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड में जल्द आठ नई पनबिजली परियोजनाएं शुरू होने जा रही हैं। इनसे करीब तीन हजार मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। इनमें से चार परियोजनाएं कुमाऊं व चार गढ़वाल मंडल में बनाई जाएंगी। इन परियोजनाओं के लिए ऊर्जा मंत्रालय से सैद्धांतिक सहमित मिल चुकी है। अक्तूबर माह से नई परियोजनाओं पर काम शुरू होने की उम्मीद है।

टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं एमडी राजीव कुमार विश्नोई ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में बताया कि उत्तराखंड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के जरिये कुल करीब दस हजार मेगावाट बिजली उत्पादन संभव है। आठ परियोजनाएं ऐसी चिह्नित की गई हैं, जिनसे तीन हजार मेगावाट बिजली बन सकती है।
इनमें कुमाऊं की धौली व काली गंगा क्षेत्र में चार और गढ़वाल में यमुना वैली में चार परियोजनाएं बनेंगी। परियोजनाओं का काम नई कंपनी करेगी। इस कंपनी का गठन एक माह में होने की उम्मीद है। इसमें टीएचडीसी की हिस्सेदारी 74% और राज्य सरकार का हिस्सा 26% होगा। टीएचडीसी हाइड्रो प्रोजेक्ट की तकनीक भी सरकार को देगा। नई परियोजनाओं पर उत्तराखंड सरकार भी गंभीर है।
परियोजनाओं पर करीब बीस हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। विश्नोई ने बताया कि इस समय देश में थर्मल पावर से करीब 60%, वैकल्पिक ऊर्जा से 30% व हाइड्रो से लगभग 10% बिजली बन रही है। इसके चलते हाइड्रो को लेकर राज्य में बड़ी संभावना है। जल विद्युत परियोजनाओं का काम उत्तराखंड में अब टीएचडीसी ही करेगा।
विश्नोई ने कहा कि 2013 की भयंकर बाढ़ रोकने में टिहरी बांध की महत्वपूर्ण भूमिका रही। एक अध्ययन में यह बात स्पष्ट हुई कि भागीरथी व भिलंगना नदियों की पूरी बाढ़ बांध में समा गई। यदि उन दो नदियों की बाढ़ अलकनंदा में शामिल हो जाती तो गंगा में बाढ़ का स्तर सात मीटर और ऊपर तक पहुंच जाता। उससे ऋषिकेश और आगे के मैदानी इलाकों में तबाही मच सकती थी। बांध के कारण बाढ़ का प्रकोप कम हो गया।
उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए चार्जिंग स्टेशन बना रहा टीएचडीसी
टीएचडीसी उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी बना रहा है। हरिद्वार और देहरादून में एक-एक स्टेशन बनाया जा चुका है जबकि चारधाम यात्रा मार्ग पर भी कई स्टेशन बनाए जाने है। इसके लिए राज्य सरकार से जमीन मिलने का इंतजार है। यहां गंगोत्री मार्ग पर चार और बदरीनाथ मार्ग पर छह स्टेशन बनाने की योजना है।
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