उत्तराखंड
23 साल पहाड़ों में देनी होगी शिक्षकों को सेवा, फिर तबादला हो सकेगा मैदानी इलाकों में, ड्राफ्ट पर शिक्षा विभाग ने मांगे सुझाव
Renuka Sahu
28 Aug 2022 2:30 AM GMT
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फाइल फोटो
शिक्षा विभाग ने नई तबादला नीति पर आम शिक्षकों से सुझाव मांगे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शिक्षा विभाग ने नई तबादला नीति पर आम शिक्षकों से सुझाव मांगे हैं। प्रस्तावित तबादला नीति का ड्राफ्ट विभागीय वेबसाइट, एससीईआरटी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है। शिक्षक छह सितंबर तक [email protected] पर सुझाव दर्ज करा सकते हैं।
पहले 23 साल पहाड़ों पर फिर 12 साल मैदानी इलाके
नई तबादला नीति के अनुसार,हर शिक्षक को पहाड़ के पांच विभिन्न जोन में 23 साल सेवाएं देनी होंगी। उसके बाद वो 12 साल तक मैदानी जिलों के तीन विभिन्न जोन में सेवा का पात्र होगा। महानिदेशक-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि इस नीति को ठोस-सर्वसम्मत रूप देने के लिए शिक्षकों से सुझाव लेने का निर्णय किया। इसके लिए एक विशेष ई-मेल भी जारी कर दी है। जिला स्तर पर जोन निर्धारण की जिम्मेदारी डीएम की रहेगी। डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी जोन का खाका तय करेगी। तबादले की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रहेगी।
ये होंगे नए मानक
संगठनों के अध्यक्ष, महामंत्री एवं सचिव को तबादले से दो साल तक छूट रहेगी। यदि कोई लगातार पद पर रहता है तो उसे अधिकतम पांच साल तक तबादले से छूट मिलेगी।
अनुरोध केवल इन शिक्षकों के ही मान्य होंगे
100 प्रतिशत दृष्टिहीनता, चलने की क्षमता पूरी तरह से समाप्त, कैंसर, हार्ट बाईपास सर्जरी, हार्ट वॉल्व सर्जरी, हार्ट एंजियोप्लास्टी, किडनी ट्रांसप्लांट, दोनों किडनी फेल और डायलिसिस पर निर्भर, पैरालिटिक स्टोक, थैलेसीमिया, एड्स एचआईवी पॉजिटिव, ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित शिक्षक कर्मचारी ही अनुरोध के आधार पर तबादले के पात्र होंगे।
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