पीसीबी से सहमति नहीं लेने वाले जिले के करीब 180 उद्योगों पर बंदी की तलवार लटक गई है। पीसीबी ने ऐसे उद्योगों को चिह्नित कर बंदी के नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
जिले में करीब 1150 के करीब छोटे-बड़े उद्योग संचालित हो रहे हैं। इन उद्योगों के स्वामियों को उद्योग चलाने के लिए पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) से सहमति लेना अनिवार्य है। पूर्व में पीसीबी एक साल की सहमति प्रदान करती थी। एक साल बाद उद्योगों को सहमति लेने के लिए दोबारा आवेदन करना पड़ता था।
लेकिन पीसीबी ने सहमति की अवधि को बढ़ा दिया है। ऐसे में हर साल सहमति लेने की प्रक्रिया से उद्योगों को राहत तो मिली, लेकिन कई उद्योग ऐसे भी हैं जो अब भी बिना सहमति लिए या सहमति समाप्त होने के बाद भी बिना आवेदन चलाए जा रहे हैं। पीसीबी ने अब इन उद्योगों को चिह्नित कर बंदी के नोटिस जारी करने का मन बना लिया है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक अब तक 180 उद्योगों को चिह्नित कर लिया गया जो बिना सहमति के चल रहे हैं। इन्हें नोटिस जारी कर आवेदन करने के लिए कहा जाएगा। यदि इसके बाद भी उद्योग प्रबंधन आवेदन नहीं करता है तो बंदी की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।