उत्तराखंड
टायफाइड-पीलिया केसों में उछाल, Covid-19 केसों की रफ्तार घटी तो दूसरी जानलेवा बीमारियाें का खतरा
Gulabi Jagat
10 Aug 2022 11:25 AM GMT
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टायफाइड-पीलिया केसों में उछाल
उत्तराखंड में कोराेना केसों की रफ्तार कम हुई तो बाकि जानलेवा बीमारियों में तेजी आनी शुरू हो गई है। टायफाइड, पीलिया जैसी बीमारियां मानसूनी बरसात में एक बार फिर पांव पसारने लगी हैं। सरकारी हो या फिर निजी अस्पताल सभी जगह रोगियों की भीड़ उमड़ रही है। जिला अस्पताल में तो जांच के दौरान हर पांचवां व्यक्ति इन बीमारियों से पीड़ित मिल रहा है।
रोगियों के बढ़ते दवाब से उन्हें भर्ती करना भी अस्पताल प्रबंधन के लिए चुनौती बन गया है। बढ़ती बीमारियों के पीछे चिकित्सक प्रदूषित पानी और खानपान को वजह बता रहे हैं। सीमांत के अस्पताल इन दिनों रोगियों के दबाव से जूझ रहे हैं। दरसअल वर्तमान में वायरल का प्रकोप चल रहा है।
तकरीबन-तकरीबन हर व्यक्ति बुखार, खांसी, उल्टी-दस्त से परेशान हैं। लोग इलाज को अस्पताल पहुंच रहे हैं तो चिकित्सक रक्त जांच करने की सलाह दे रहे हैं। जिसमें अधिकतर लोग टायफाइड या फिर पीलिया से ग्रस्त मिल रहे हैं। कई लोगों को तो दोनों ही बीमारियां हैं।
जिला अस्पताल स्थित पैथोलॉजी लैब में बीते एक हफ्ते में ही 70 से अधिक लोगों में टायफाइड, पीलिया होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा सरकार से संबद्ध और निजी लैबों में भी बड़ी संख्या में लोग इन रोगों से संक्रमित मिल रहे हैं। निजी लैब संचालकों का कहना है कि रोजाना एक लैब में 20 से 25 लोग जांच को पहुंचते हैं। इनमें से 15 लोगों में टायफाइड-पीलिया सामने आ रहा है।
भीड़ अधिक होने से अस्पतालों में नहीं मिल रहे बेड
पिथौरागढ़। जिला अस्पताल में इन दिनों रोगियों को भर्ती होने के लिए वार्ड में बेड तक नहीं मिल रहे हैं। टायफाइड-पीलिया के साथ ही अन्य रोगियों की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सक उन्हें भर्ती कर रहे हैं। लेकिन उन्हें वार्ड में जगह तक नहीं मिल रही। मजबूरन अस्पताल प्रबंधन उन्हें बरामदों में बेड लगा भर्तीकर उनका इलाज कर रहा है।
लॉकडाउन में टायफाइड-पीलिया पर लग गई थी रोक
जिले में बीते दो वर्षों के दौरान टायफाइड-पीलिया के मामले लगभग न के बराबर थे। दरअसल टायफाइड, पीलिया अधिकतर मई से अगस्त माह के बीच अधिक होता है और इन रोगों की मुख्य वजह दूषित पानी, बाहर का खुले में रखा भोजन करना माना जाता है। वर्ष 2020 के दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन लागू कर दिया। लोगों की बाजार आवाजाही कम हुई तो वे बीमार भी कम पड़ने लगे। कुछ यहीं स्थिति 2021 में भी देखने को मिली। जिला अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक इन दोनों वर्षो में टायफाइड़-पीलिया के गिने-चुने मामले ही सामने आए।
जिला अस्पताल में इलाज को पहुंचे 700 रोगी
पिथौरागढ़। जिले में वायरल का प्रकोप इन दिनों किस कदर हावी है इसका अनुमान अस्पतालों के बाहर उमड़ रही रोगियों की भीड़ से लगाया जा सकता है। सोमवार बीतेरोज जिला अस्पताल में 700 से अधिक ओपीडी हुई। सुबह से ही पर्ची काउंटर के बाहर लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी, जो दोपहर तक जारी रही।
अस्पताल पहुंच रहे रोगियों में इन दिनों जांच के दौरान टायफाइड-पीलिया होना अधिक देखने को मिला है। यह रोग दूषित पानी और बाहर खुले में रखा भोजन खाने से अधिकतर होते हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए पानी को उबालकर पीना चाहिए। बासी खाना न खाएं, बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए। साथ ही खाना खाने से पहले हाथों को अच्छे से साफ करें।
डॉ. जेएस नबियाल, पीएमएस जिला अस्पताल
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Gulabi Jagat
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