सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति को सुप्रीम कोर्ट ने किया बर्खास्त
देहरादून न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति नरेंद्र सिंह भंडारी को बर्खास्त कर दिया है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने भंडारी की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला लिया। पीठ ने कहा कि उपरोक्त चर्चा और बताए गए कारणों को देखते हुए वर्तमान अपील विफल हो जाती है और खारिज करने योग्य है। पीठ ने कहा कि नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा था कि मामले में सफल नहीं होने पर वह कुलपति के पद से इस्तीफा दे देंगे। उनकी अपील खारीज होने के चलते उन्हें अब अपने पद से इस्तीफा देना होगा। पीठ ने कहा कि विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा 10 और यूजीसी रेगुलेशन, 2018 का रेगुलेशन 7.3.0 के तहत वैधानिक आवश्यकताओं के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में अपीलकर्ता यानी भंडारी की नियुक्ति अवैध है। इसमें कहा गया है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भंडारी की नियुक्ति को सही तरीके से रद्द कर दिया है और हम उच्च न्यायालय के दृष्टिकोण से पूरी तरह सहमत हैं।
यूजीसी के नियमानुसार, कुलपति के पद के लिए चयन एक पैनल द्वारा उचित पहचान के माध्यम से किया जाना चाहिए। खोज-सह-चयन समिति के द्वारा 3-5 दावेदारों के पैनल की शॉर्ट लिस्टिंग के बाद सिफारिश की जानी चाहिए। चयन समिति के सदस्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति हों और संबंधित विश्वविद्यालय या उसके कॉलेजों से किसी भी तरह से जुड़े न हों। पैनल तैयार करते समय, खोज समिति अकादमिक उत्कृष्टता आदि को उचित महत्व देगी और उसके बाद कुलाधिपति, कुलपति खोज-सह-चयन समिति द्वारा अनुशंसित नामों के पैनल में से किसी एक को कुलपति को नियुक्त करेंगे।