प्रदेश में पिछले साल की अपेक्षा चार फीसदी से अधिक बढ़ा गन्ने का क्षेत्रफल
काशीपुर: गन्ने का मूल्य बढ़ने व समय से भुगतान होने से किसानों का रुझान गन्ना उत्पादन करने की ओर बढ़ रहा है। पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष प्रदेश में चार फीसदी से अधिक गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ गया है। नए सत्र से नई प्रजाति के गन्ने की बुआई में इजाफा होने की संभावना भी जताई जा रही है। दरअसल, करीब दो-तीन वर्षों से किसानों को गन्ने का भुगतान समय पर किया जा रहा है। साथ ही गन्ने का समर्थन मूल्य भी बढ़ गया है। साथ ही गन्ने की नई प्रजातियां भी विकसित की जा रही है। जिसके चलते गन्ने की फसल बोने के लिए किसानों का रुझान बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में गन्ने का उत्पादन होता है। अधिकारियों के मुताबिक ऊधमसिंह नगर और खटीमा में अन्य शहरों की अपेक्षा गन्ने का रकबा अधिक बढ़ता है।
सत्र 2022-23 ऊधमसिंह नगर में 13436.284, नैनीताल में 1025.603, हरिद्वार में 29928.833, देहरादून में 1885.233 कुल 46275.953 यानी 99.90 प्रतिशत रकबे में शीघ्र व सामान्य प्रजाति पौध गन्ने की बुआई की गई। सामान्य प्रजाति का पौधा ऊधमसिंह नगर में 161.572, नैनीताल में 39.668, हरिद्वार में 19.784, देहरादून में 151.121 कुल 372.145 यानी 0.81 प्रतिशत रकबे में बुआई की गई।
इसके अलावा यूएस नगर में 11175.200, नैनीताल में 1077.319, हरिद्वार में 30646.809, देहरादून में 2537.526 कुल 45436.854 हेक्टेयर क्षेत्र में शीघ्र व सामान्य गन्ना पेड़ी की फसल बोई गई। चारों जिलों में कुल 91712.807 रकबे में शीघ्र व सामान्य गन्ने की बुआई की गई। सत्र 2021-22 में 88022.072 रकबे में गन्ना बोया गया था। जिसके सापेक्ष इस सत्र में 3690.735 हेक्टेयर यानी 4.19 फीसदी अधिक क्षेत्रफल में गन्ने का उत्पादन हुआ है।
गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ गया है। किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान भी समय से हो रहा है। गन्ने की नई उन्नत प्रजातियां भी विकसित की जा रही हैं। इससे किसानों का रुझान गन्ने की खेती की ओर बढ़ रहा है। गन्ने की फसल में लागत कम आती है। एक बार फसल बोने पर दो-तीन बार काटी जा सकती है। ऊधमसिंह नगर और खटीमा में सबसे अधिक गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ा है। पूरे प्रदेश में करीब 5 प्रतिशत क्षेत्रफल बढ़ा है। - हंसा दत्त पांडे, गन्ना एवं चीनी आयुक्त, काशीपुर