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देहरादून। उत्तराखंड साइबर पुलिस ने डेढ़ साल में हेल्पलाइन के माध्यम से लोगों की ठगी के लगभग पौने चार करोड़ रुपये वापस कराए । इसके लिए उत्तराखंड के एसटीएफ और साइबर पुलिस निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशों के क्रम में पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश के निवासियों से साइबर अपराधियों के द्वारा ठगी करने वालों पर सख्त कार्रवाई कर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को प्रभावी कार्रवाई के तहत यह सफलता पायी है। उत्तराखण्ड राज्य ने साइबर अपराध रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जिस पर कुल 14643 शिकायतें दर्ज हुईं और वित्तीय साइबर हेल्पलाइन की मदद से आम-जनमानस के करीब 3.73 करोड़ रुपये की धनराशि को बचाया है। बुधवार को एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि इसी तरह की एक घटना में शिकायतकर्ता अनुराधा भसीन से अज्ञात व्यक्ति ने स्वयं को बैंक अधिकारी बताकर शिकायतकर्ता के अकाउंट की केवाईसी अपडेट करने के नाम पर बैंक की डिटेल प्राप्त कर उनके अकाउंट से कुल 21,00,000/- रुपये की धनराशि धोखाधड़ी कर निकाल ली थी। इसमें साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने कार्रवाई करते हुए सम्बन्धित बैंक अधिकारियों से सम्पर्क कर शिकायतकर्ता की 19,24,000/ धनराशि शिकायतकर्ता के खाते में वापस करायी।
दूसरी घटना में मोहित बब्बर निवासी रुद्रपुर ने शिकायत की थी कि उनके खाते से बिना जानकारी के 11 लाख 60,000 की धनराशि आहरित हो गई है। इसमें साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने कार्रवाई करते हुए सम्बन्धित बैंक अधिकारियों से सम्पर्क कर शिकायतकर्ता की संपूर्ण 11 लाख 60,000 की धनराशि शिकायतकर्ता के खाते में वापस करायी। तीसरी घटना के अनुसार देहरादून के शिकायतकर्ता गोविन्द सिंह सजवान ने अज्ञात व्यक्ति के द्वारा पैन कार्ड अपडेट करने के नाम पर लिंक भेजकर 4, लाख 50 हजार रुपये की धोखाधड़ी की गई थी, जिस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सम्बन्धित नोडल अधिकारी से सम्पर्क कर शिकायतकर्ता की संपूर्ण 4,50,000 रुपये की धनराशि वापस करायी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे ऑनलाइन सामान की खरीदारी करते हुए अधिकृत वेबसाइट से ही सामान खरीदें। किसी भी प्रकार के लोभ लुभावने अवसरों/ फर्जी साइट/ धनराशि दोगुना करने वाले अनजान अवसरों के प्रलोभन में न आएं।
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