एसएसपी और रामनगर एसएचओ मानसिक दिव्यांग बच्चों के मामले में कल कोर्ट में होंगे पेश
नैनीताल कोर्ट रूम न्यूज़: एसएसपी नैनीताल व एसएचओ रामनगर से हाईकोर्ट ने कल 23 सितम्बर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने कोकहा है। मानसिक दिव्यांग बच्चों के बसई स्थित आवासीय स्कूल में एक माह पूर्व बच्चा गायब होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने पुलिस की कार्यप्रणाली व स्कूल प्रबंधन की लापरवाही पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने उच्च न्यायलय के रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, सरकारी वकील और स्थानीय पुलिस अधिकारी से आज ही स्कूल का मौका मुआयना कर बच्चों व उनके अभिभावक और अध्यापकों के बयान दर्ज कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है।
कोर्ट ने अपने आदेश में एसएसपी नैनीताल व एसएचओ रामनगर से कोर्ट में कल 23 सितम्बर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को भी कहा है। मामले की अगली सुनवाई 23 सितम्बर की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार हल्द्वानी की रोशनी सोसाईटी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रामनगर के बसई में कुमायूं के एकमात्र मेंटली चाइल्ड रेजिडेंशियल स्कूल है। जो राज्य सरकार की ग्रांट पर चलता है। इस स्कूल में अनाथ अनाम नामक बच्चे को चाईल्ड वेल्फेयर सोसाईटी द्वारा भर्ती कराया गया था। यह बच्चा सही तरीके से बोल नही पाता था जो 12 अगस्त को स्कूल से गायब हो गया था। यही नहीं एक अन्य बच्चे ने भी स्कूल के अध्यापकों के ऊपर आरोप लगाया था कि अध्यापक उनको मारते हैं शाम को उस बच्चे का सिर फटा पाया गया। पता करने पर स्कूल प्रबंधन द्वारा कहा गया कि वह झूले से गिर गया। स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट 9 सितम्बर को 25 दिन बीत जाने के बाद लिखाई।
पुलिस ने कहा कि इसमें मुकदमा दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि कोई अपराध नहीं हुआ है। इन घटनाओं का संज्ञान बाल सुधार आयोग ने लिया और एसएसपी नैनीताल को निर्देश दिए कि घटनाओं की रिपोर्ट से शीघ्र अवगत कराएं परन्तु अभी तक कोई उत्तर एसएसपी की तरफ से नही दिया गया। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर कोई बच्चा कैसे भी गायब हुआ हो पुलिस उसका मुकदमा अपहरण में दर्ज करें। परन्तु पुलिस ने अभी तक इसमे मुकदमा दर्ज तक नही किया।