उत्तराखंड

एसआरएचयू को मिला सीआईआई गोल्ड अवार्ड

Admin Delhi 1
10 Oct 2023 6:08 AM GMT
एसआरएचयू को मिला सीआईआई गोल्ड अवार्ड
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उपलब्धि

ऋषिकेश: स्वामीराम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट ने भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ‘ग्रीन प्रैक्टिसेस अवार्ड’ की सर्विस कैटेगरी में गोल्ड अवार्ड जीता है.

गुरुग्राम में हुए कार्यक्रम में एसआरएचयू का यह अवार्ड मिला. कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने गोल्ड अवार्ड को विवि की बड़ी उपलब्धि बताया. कहा कि इस कैटेगेरी में यह अवार्ड हासिल करने वाला विवि उत्तर भारत का एकमात्र संस्थान है.

शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास के क्षेत्र में आयाम स्थापित कर चुका एसआरएचयू हरित गतिविधियों, उर्जा संरक्षण, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी एक मॉडल विश्वविद्यालय के रुप में संस्थापित हो चुका है. करीब 200 एकड़ के हरे-भरे विवि कैंपस में जल और ऊर्जा संरक्षण सहित सभी प्रकारों के कूड़ा निस्तारण जैसे प्लास्टिक व ई-वेस्ट इत्यादि हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित हैं. विवि में समय-समय पर वृहद पौधरोपण अभियान भी संचालित किया जाता है. कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि सिंगल लेअर प्लास्टिक के रीसाइक्लिंग की तरफ कदम बढ़ाते हुए एसआरएचयू में प्लास्टिक बैंक बनाया गया है. सिंगल लेअर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक के लिए विवि में पहले से ही अभियान चलाया जा रहा है. आधिकारिक कार्यों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन शुरू किया गया है.

ऊर्जा संरक्षण पर भी जोर

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण के महत्व को समझते हुए वर्ष 2007 में पहला कदम बढ़ाया था. तब हिमालयन हॉस्पिटल, कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट सहित सभी हॉस्टल में सोलर वाटर हीटर पैनल लगाए गए थे.

वेस्ट पेपर रिसाइक्लिंग यूनिट

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि बिना पेड़ काटे अगर कागज व बाकी स्टेशनरी की मांग पूरी हो जाए, तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता. विवि में पेपरलेस कार्य प्रणाली को अपनाया गया है, लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे काम में हैं, जिनमें कागज का इस्तेमाल अनिवार्य हो जाता है. इसलिए विश्वविद्यालय में यूज्ड पेपर (रद्दी) को रिसाइकिल करने का प्लांट लगाया गया है. भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक कचरे की समस्या दुनियाभर के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है. एसआरएचयू परिसर में ई-वेस्ट स्टोर बनाया गया है.

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