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रामनगर। मरचूला बाजार में बाघिन को गोली मारने के मामले में विभाग ने वन आरक्षी को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ केस दर्ज कराया है। उसे फिलहाल कालागढ़ टाइगर रिज़र्व के प्लेन रेंज के सेधिखाल में संबद्ध कर दिया है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडे द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा है कि 14 नवंबर की रात लगभग सवा नौ बजे बाघिन मरचूला बाजार में घुस आयी थी। मौके पर जनता और वनक्षेत्राधिकारी व वन कर्मियों के शोर मचाने पर भी वह नहीं गयी। लोगों की भीड़ के कारण हवाई फायर नहीं किये जा सकते थे। ऐसे में वन आरक्षी धीरज सिंह द्वारा 12 बोर की बन्दूक से दो राउंड फायर जमीन पर किये गए। जिसमें से एक राउंड फायर बाघिन के दाहिनी जांघ पर जा लगे। बाघिन की जांघ में छर्रे लगने और अधिक रक्तस्राव से उसकी मौत हो गई।
उधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बाघिन भूखी थी। उसकी आंतें चिपक गयी थीं। इसके अलावा उसके लीवर में सेही का एक कांटा होने के कारण लीवर को काफी क्षति हुई थी। सीटीआर के निदेशक डॉ. धीरज पांडे ने कहा कि वन आरक्षी धीरज सिंह पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। उसको कालागढ़ टाइगर रिजर्व के पलेन रेंज के सेधिखाल में संबद्ध कर दिया गया है। मामले की जांच हरीश नेगी उप प्रभागीय अधिकारी कालागढ़ एवम उप प्रभागीय वनाधिकारी सोना रेंज की दी गयी है।

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