उत्तराखंड
Kedarnath यात्रा मार्ग से अब तक 9099 लोगों को बचाया गया
Shiddhant Shriwas
3 Aug 2024 3:52 PM GMT
![Kedarnath यात्रा मार्ग से अब तक 9099 लोगों को बचाया गया Kedarnath यात्रा मार्ग से अब तक 9099 लोगों को बचाया गया](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/08/03/3921684-untitled-1-copy.webp)
x
Dehradun देहरादून: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने शनिवार को बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अलग-अलग इलाकों में फंसे कुल 9,099 लोगों को अब तक बचा लिया गया है। सचिव के मुताबिक 31 जुलाई को भारी बारिश के कारण केदारनाथ और केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर चल रहा है। 2 अगस्त तक कुल 7234 यात्रियों को बचाया जा चुका है। वहीं, 3 अगस्त को 1865 यात्रियों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। 3 अगस्त तक कुल 9099 यात्रियों को बचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 3 अगस्त को केदारनाथ से 43 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया वहीं, भीमबली-लिनचौली से 90 यात्री पैदल चलकर चौमासी-कालीमठ सुरक्षित पहुंचे। गौरीकुंड Gaurikund से सोनप्रयाग आने वाले यात्रियों की संख्या 1162 रही। चिड़बासा (गौरीकुंड) से 75 तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं, विभिन्न स्थानों पर फंसे करीब 1000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है।
उन्होंने आगे बताया कि 31 जुलाई को भारी बारिश के कारण 15 लोगों की मौत हुई है।आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात हैं।उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के 83 जवान, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पीआरडी के 168 जवान, पुलिस विभाग के 126 और अग्निशमन के 35 जवान विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं।उन्होंने कहा, "अवरूद्ध सड़कों को खोलने के लिए 35 आपदा मित्रों के साथ ही लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कार्यरत 150 मजदूरों को तैनात किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के 12 डॉक्टरों के नेतृत्व में 32 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राजस्व विभाग के 57, जीएमवीएन के 68 और खाद्य विभाग के 27 कर्मचारी संबंधित व्यवस्थाओं को सही करने में लगे हुए हैं। इस प्रकार कुल 882 जवान/कार्मिक युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।" मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। "जिला प्रशासन की टीमों ने अभी भी फंसे यात्रियों के रहने और खाने-पीने की पर्याप्त व्यवस्था की है। उनकी जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है। पूरे बचाव अभियान की राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से लगातार निगरानी की जा रही है। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। मौसम के कारण बचाव अभियान में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जैसे-जैसे मौसम साफ हो रहा है, यात्रियों को बचाया जा रहा है।" (एएनआई)
Tagsजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारहिंन्दी समाचारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi News India News Series of NewsToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day NewspaperHindi News
![Shiddhant Shriwas Shiddhant Shriwas](/images/authorplaceholder.jpg?type=1&v=2)
Shiddhant Shriwas
Next Story