उत्तराखंड

उत्तराखंड की इस विधानसभा सीट में प्रत्याशी देख रामनगर में विधायक चुनने के मूड में वोटर

Deepa Sahu
15 Jan 2022 10:54 AM GMT
उत्तराखंड की इस विधानसभा सीट में प्रत्याशी देख रामनगर में विधायक चुनने के मूड में वोटर
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कार्बेट नेशनल पार्क में पर्यटन और जंगल सफारी के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध रामनगर भी इन दिनों विधानसभा चुनाव के रंग में रंगा है।

कार्बेट नेशनल पार्क में पर्यटन और जंगल सफारी के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध रामनगर भी इन दिनों विधानसभा चुनाव के रंग में रंगा है। कोरोना के कहर के चलते चुनाव मैदान में इस बार पिछले विधानसभा चुनाव जैसी रंगत तो नहीं लेकिन मतदाता अपनी ताकत का प्रयोग करने को उत्साहित हैं। दिन के 12 बज चुके हैं रामनगर तो कोहरे से उबर गया है लेकिन मतदाता किसकी बनेगी सरकार, कौन बनेगा विधायक सवाल से कोहरा नहीं छंटने देना चाहते। जस्सागंज में विधायक दीवान सिंह बिष्ट के घर के पास हमने सबसे पहले ये सवाल युवा राम सिंह से किया तो पता चला अब तक बनी सरकारों से वे बहुत खुश नहीं हैं।

राम सिंह कहते हैं रामनगर में पर्यटन तो कॉर्बेट की वजह से बढ़ा लेकिन हमारी सरकारें स्थानीय लोगों के लिए इससे खास रोजगार पैदा नहीं कर पाईं। रामनगर से ज्यादा बाहर के लोग यहां पैसा कमा रहे हैं। इसके बाद हम खताड़ी पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात सलीम अहमद से हुई। सलीम कहते हैं पार्टियां चुनाव से पहले तो खूब पूछती हैं लेकिन जीतने के बाद नेता केवल अपने कार्यकर्ताओं को देखते हैं।
हमें तो न इस सरकार में कुछ मिला न पिछली सरकारों में कुछ मिला। मजदूरी करके खा रहे थे, आगे भी मजदूरी करके खाएंगे। जो अच्छा आदमी होगा उसको वोट दे देंगे। मालधन के दिनेश सिंह कहते हैं वे इस बार के चुनाव में पार्टी नहीं प्रत्याशी को देखकर ही वोट देंगे। जिसकी छवि साफ होगी उसे ही वोट दिया जाएगा। लखनपुर के सेना में अफसर रहे नवीन चन्द्र पोखरियाल कहते हैं राजनीतिक दल अभी से जनता के साथ खेल रहे हैं। सभी दलों को जल्द प्रत्याशी घोषित करने चाहिए ताकि जनता प्रत्याशियों के बारे में जान सके और वोट करे।
क्या कहती है मुद्दों की हवाएं:रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाओं की दरकार
रामनगर विधानसभा क्षेत्र में भी अन्य सभी जगहों की तरह रोजगार ही सबसे बड़ा मुद्दा है। यहां पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अच्छे अवसर हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोरोना ने इस क्षेत्र का काफी प्रभावित किया है। पर्यटकों की आवाजाही प्रभावित होते ही यहां लोगों का रोजगार ठप होने जैसी स्थिति हो जाती है। ऐसे में लोग ऐसी सरकार चुनना चाहते हैं जो रोजगार की दिशा में पहल करे। इसके अलावा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने की मांग लंबे समय से उठती आई है। यह मुद्दा इस बार भी चुनाव में हावी रहने के आसार हैं। इसके अलावा वन ग्रामों में लोगों को जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पाना यहां का बड़ा मुद्दा माना जाता है। महिला सुरक्षा, शिक्षा जैसे मुद्दों को लेकर भी यहां की जनता इस बार मुखर होती नजर आ रही है।
पांच जरूरतें
-रामनगर में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की मांग लंबे समय से उठ रही है.
-रामनगर में पर्यटन कारोबार के अलावा रोजगार के अन्य विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।
-वनों से सटे क्षेत्रों में जंगली जानवरों से सुरक्षा मुहैया कराने के इंतजाम किए जाएं।
-क्षेत्र के कई गांवों की सड़कें बदहाल हैं। सड़कों की स्थिति में सुधार किया जाए.
-शिक्षा का स्तर बढ़ाना और अन्य शैक्षणिक संस्थाएं स्थापित करना।

रामनगर में शिक्षा का स्तर बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की जरूरत है। लोगों का अधिकार वोट देना है। भारतीय लोकतंत्र के आधार पर वोट करना चाहिए, जो लोगों की मूलभूत समस्याओं का निदान करें, ऐसे प्रत्याशियों को हमें चुनना चाहिए।
कुंवेर सिंह अधिकारी, पूर्व प्रधानाचार्य

क्षेत्र में पानी की निकासी, ट्रैफिक आदि की दिक्कतें लंबे समय से चली आ रही हैं। इस पर बड़ी योजनाएं बनाकर धरातल पर उतारना चाहिए। इस विधानसभा चुनाव में हमें गांव और शहर की जनता की समस्याएं सुनने वालों को ही अपना प्रतिनिधि चुनना चाहिए।
संतोष तिवारी, प्रवक्ता
सस्ती शिक्षा, नि:शुल्क बेहत स्वास्थ्य सेवाएं रामनगर के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर मिलनी चाहिए। ऐसे ही जनता के विभिन्न मुद्दे बेरोजगारी,,महंगाई आदि चुनाव के वक्त निर्णायक होंगे। इस बार चुनाव में हमें सही प्रत्याशी का चयन करना चाहिए।
नवेंदु मठपाल, प्रवक्ता
ये हैं रिस्क फैक्टर
भाजपा:मौजूदा समय में भाजपा के विधायक है। सीट को बरकरार रखने की चुनौती।

कांग्रेस:चार दावेदारों के बीच टिकट को लेकर घमासान है। सभी को जोड़े रखना होगा।

आप:पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी को जनता का विश्वास जीतना होगा।

बसपा:पिछली बार 10 हजार से अधिक वोट पाने वाली बसपा को कड़ी मेहनत की जरूरत।


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