हटाई गई धारा 307, घटनास्थल पर नहीं था हिस्ट्रीशीटर हृदयेश कुमार
हल्द्वानी क्राइम न्यूज़: सड़क के गड्ढे से शुरू हुए विवाद ने हिस्ट्रीशीटर हृदयेश को जिलाबदर करा दिया और शनिवार को इसी मामले के वादी-प्रतिवादी पुलिस बहुउद्देशीय भवन में आमने-सामने आ गए। माहौल गर्माया तो पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और एक ही वक्त पर अधिकारियों से मिलने पहुंचे दोनों पक्षों की अलग-अलग मुलाकात कराई गई। चौफला चौराहा दमुवाढूंगा निवासी पार्षद विद्या देवी के पुत्र हृदयेश कुमार हिस्ट्रीशीटर और हाल ही उसे जिलाबदर किया गया है। हृदयेश का जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा निवासी मनोज गोस्वामी से विवाद चल रहा है। जिस दिन हृदयेश को जिलाबदर किया गया, उसी दिन मनोज ने आरोप लगाया कि हृदयेश व उसके भाई ने साथियों के साथ मिलकर अपहरण, हत्या का प्रयास और मारपीट का आरोप लगाया।
इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए शनिवार को मनोज अपनी मां व बेटे के साथ पुलिस बहुउद्देशीय भवन पहुंच गए। इसी बीच वहां हृदयेश की मां विद्या साथी पार्षदों के साथ पहुंच गई। जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और मनोज ने फेसबुक लाइव शुरू कर दिया। माहौल बिगड़ता देख कोतवाली पुलिस ने दोनों को अलग कराया। जिसके बाद पार्षद विद्या देवी ने एसपी सिटी हरबंस सिंह से मुलाकात की और कहा, मनोज उसके पुत्रों से रंजिश रखता है। जिसके तहत झूठा केस दर्ज कराया। पार्षद ने उक्त मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। जबकि मनोज गोस्वामी ने पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस मामले में ढिलाई बरत रही है।
वहीं एसएसपी पंकज भट्ट का कहना है कि तथ्य न पाए जाने पर सभी आरोपियों से धारा 307 हटा ली गई है। मामले में सीसीटीवी और मोबाइल लोकेशन के जरिये जांच आगे बढ़ाई जा रही है। फिलहाल, घटना स्थल पर हृदयेश के मोबाइल लोकेशन नहीं मिली है।