न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
Cloudburst in Uttarakhand : कुमाल्डा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के बाद बादल फट गया। बादल फटने के बाद पहाड़ी से आए भारी मलबे में की चपेट में आने से कई मकान और खेत बर्बाद हो गए। ग्राम पंचायत थौलागिरी के ग्वाड़ नामे तोक में भी दो मकान जमींदोज हो गए।
शनिवार तड़के जौनपुर ब्लॉक के ग्वाड़ गांव के ऊपर बादल फटने के बाद आए मलबे में दो मकान जमींदोज हो गए। एक ही परिवार के सात लोग मलबे में दब गए। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद दो शवों को मलबे से बाहर निकाला। बाकी पांच लोगों को तलाशने के लिए अभियान जारी है। घटना से गांव में कोहराम मचा हुआ है।
शनिवार तड़के करीब दो बजे कुमाल्डा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के बाद बादल फट गया। बादल फटने के बाद पहाड़ी से आए भारी मलबे में की चपेट में आने से कई मकान और खेत बर्बाद हो गए। ग्राम पंचायत थौलागिरी के ग्वाड़ नामे तोक में भी दो मकान जमींदोज हो गए। ग्राम प्रधान अरविंद सिंह रावत ने बताया कि सुबह 6 बजे जब लोगों ने राजेंद्र सिंह और कमांद सिंह का मकान नहीं देखा तो वे दंग रह गए। रात को तेज बारिश और बिजली आपूर्ति बाधित होने से घटना का पता नहीं चल पाया। इसके बाद ग्रामीणों ने बचाव अभियान शुरू किया।
बिजली के खंभे, पेयजल लाइन और रस्ते भी टूटे
ग्राम प्रधान ने बताया कि ग्वाड़ तोक धौलागिरी गांव से करीब आठ किमी की दूरी पर है। दोपहर करीब 12 बजे मलबे में दबे राजेंद्र सिंह (35) और उनकी पत्नी सुनीता देवी (31) के शव निकाले गए। दूसरे मकान में रहने वाले राजेंद्र सिंह के चचेरे भाई कमांद सिंह (40), उनकी पत्नी रुकमणी देवी (35), बेटी बीना (17), पुत्र सचिन (15) और मां मगन देवी (60) का काफी प्रयास के बावजूद पता नहीं चल पाया। गांव सड़क से चार किमी की दूरी पर है। ऐसे में गांव तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है। बिजली के खंभे, पेयजल लाइन और रस्ते भी टूट गए हैं।
एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान ने बताया कि कानूनगो विजय पटवाल, राजस्व उपनिरीक्षक यशपाल नेगी सूचना मिलने पर सुबह 9 बजे ग्वाड़ गांव पहुंच गए थे। लापता चल रहे लोगों की तलाशी के लिए रेस्क्यू चलाया जा रहा है।
मकानों का नमोनिशां तक नहीं बचा
मलबे की चपेट में आने के बाद दोनों मकानों का नामोनिशां तक नहीं बचा। राजेंद्र सिंह और कमांद सिंह गांव में ही खेती-बाड़ी और मेहनत-मजदूरी करते थे। प्रधान अरविंद सिंह रावत ने बताया कि राजेंद्र सिंह के दो बच्चे हैं। बेटी अंशिका (11) और पुत्र सिद्धार्थ (9) रायपुर में मौसी के साथ रहकर पढ़ाई करते हैं। दोनों घर ग्वाड़ गांव के पांच-छह अन्य परिवारों से सात-आठ सौ मीटर दूरी पर थे। रात को मूसलाधार बारिश होने और बादल फटने के कारण लोगों का घटना का पता नहीं चला। सुबह वहां का मंजर देखा तो सभी की आंखें फटी रह गईं। दो परिवारों की खुशियां को एक ही पल में ग्रहण लग गया।