देहरादून न्यूज़: राज्य में आपदा से निपटने लिए अब एसडीआरएफ को मौसम विभाग की चेतावनी पर निर्भर नहीं रहना होगा. खासकर बिना कनेक्टिविटी वाले दुर्गम इलाकों में.
अब एसडीआरएफ खुद ही मौसम का मिजाज भांपकर अलर्ट हो जाएगी और किसी भी स्थिति से पहले मोर्चा संभाल लेगी. इसके लिए राज्य में पहली बार मौसम विभाग की ओर से प्रशिक्षित 125 अधिकारी व जवानों को 36 पोस्टों पर तैनात किया गया है. राज्य में इस मानसून सीजन से की जा रही एसडीआरएफ की इस पहले से आपदा प्रबंधन में बड़ा फायदा मिल सकेगा.
राज्य में एसडीआरएफ की 36 पोस्टें हैं. जिनमें से करीब 12 से ज्यादा दुर्गम या अति दुर्गम हैं. जहां संपर्क के लिए सिर्फ सेटेलाइट फोन ही एकमात्र साधन हैं. ऐसे में मौसम विभाग जो भी अलर्ट जारी करता है वो इन पोस्टों तक या तो देर में पहुंचता है या पहुंचता ही नहीं. ऐसे में एसडीआरएफ आने वाले खतरे से अनभिज्ञ होकर उसके लिए तैयार नहीं हो पाता. लेकिन अब एसडीआरएफ के अधिकारी व जवान खुद ही मौसम का हल्का फुल्का पूर्वानुमान लगाकर अपनी तैयारी पूरी कर लेंगे. इसके लिए मौसम निदेशालय के विशेषज्ञों की ओर से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त
125 एसडीआरएफ अधिकारी कर्मचारियों को पहली बार सभी पोस्टों पर तैनात किया गया है, जिससे वे खुद ही मौसम का अंदाजा लगा लेंगे. इसके बाद उससे होने वाले खतरों से निपटने के लिए तैयार हो जाएंगे. जवानों को पहली बार फ्लड सेफ्टी प्रशिक्षण भी दूसरे राज्यों से दिलवाया गया है.
देहरादून सहस्त्रत्त्धारा, डाकपत्थर, चकराता.
टिहरी ढालवाला (ऋषिकेश), कोटि कॉलोनी, ब्यासी(कौड़ियाला), घनसाली.
उत्तरकाशी उजेली, भटवाड़ी, गंगोत्री, बड़कोट, जानकीचट्टी, मोरी, चिन्यालीसौड़.
पौड़ी श्रीनगर, कोटद्वार.
चमोली गौचर, जोशीमठ, पांडुकेश्वर, श्री बद्रीनाथ, घांघरिया, हेमकुण्ड.
रुद्रप्रयाग रतूड़ा, अगस्त्यमुनि, सोनप्रयाग, लिंचोली, श्रीकेदारनाथ.
पिथौरागढ़ पिथौरागढ़, अस्कोट.
बागेश्वर कपकोट.
नैनीताल नैनी झील, खैरना.
अल्मोड़ा सरियापानी.
चम्पावत चम्पावत, टनकपुर
ऊधमसिंहनगर रुद्रपुर.